मुजफ्फरपुर : खबरा के प्रॉपर्टी डीलर दिलीप ओझा का गांव के ही एक भूमि कारोबारी से जमीन का विवाद चल रहा था. तीन माह पहले विवादित जमीन पर कब्जे के दौरान दोनों पक्षों में जमकर मारपीट और तोड़फोड़ हुई थी. इस मामले में दिलीप व उसके भाई नवीन ओझा ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. बताया जाता है कि जमीन पर कब्जा करने में असफल उक्त प्रॉपर्टी डीलर ही दिलीप के कारोबारी सहयोगियों से मिल कर उसकी हत्या की साजिश रच दी है.
नगर डीएसपी ने सोमवार को मृत प्रॉपर्टी डीलर के पुत्र चंदन व भाई का बयान लिया है. हालांकि उसके बयान को जांच प्रभावित होने के ख्याल से पूर्णत: गुप्त रखा गया है.
भाई से लिखवाई थी साढ़े तेरह कट्ठा जमीन : दिलीप ओझा तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. नवीन व प्रवीण ओझा उनके छोटे भाई हैं. नवीन ओझा सरकारी नौकरी में हैं, जबकि प्रवीण निजी कंपनी में नौकरी करता है. तीनों भाई के बीच संपत्ति का बंटवारा नहीं हुआ था. पुलिसिया जांच में यह बात सामने आयी है कि प्रवीण ओझा को बहला-फुसला कर गांव के ही एक जमीन कारोबारी वर्ष 2005 से 2009 तक करीब साढ़े 13 कट्ठा जमीन की रजिस्ट्री करा ली थी. जमीन पर कब्जे के दौरान जब साजिश का खुलासा हुआ, तो दोनों पक्ष में विवाद हो गया.
जनवरी में कब्जे को लेकर हुई थी मारपीट : इस वर्ष जनवरी में प्रवीण ओझा से खबड़ा डीएवी के सामने की रजिस्ट्री करायी गयी जमीन में उक्त कारोबारी चहारदीवारी करा रहा था. इसकी जानकारी मिलते ही दिलीप व नवीन ओझा अपने परिवार के लोगों और अन्य समर्थकों के साथ वहां पहुंच निर्माणाधीन चहारदीवारी तोड़ दी थी. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. मामले की प्राथमिकी सदर थाने में दर्ज करायी गयी थी. उक्त घटना के बाद से दिलीप को हमेशा हत्या की धमकी भी मिल रही थी.
अफवाह फैलाने वालों पर भी है पुलिस की निगाह : 25 मार्च को अचानक गायब हुए प्रॉपर्टी डीलर दिलीप का शव 10 दिनों बाद तीन अप्रैल की देर रात खखरा के पुल के नीचे खेत में मिला था. वहां शव होने की जानकारी उसके परिजनों को उसके बिजनेस पार्टनर के भाई ने ही दी थी. इसके बाद जब भाई नवीन ओझा ने उसके माेबाइल पर रिंग किया,
तो दिलीप ने कॉल रिसीव करते हुए सिर्फ यही कहा कि उसे मार कर खखरा पुल के नीचे खेत में फेंक दिया गया है. पुलिस को उसी समय शक हो गया था. पुलिस को सबसे ज्यादा शक तब हुआ, जब कुछ लोग उसके आत्महत्या कर लेने का अफवाह उड़ाने लगे. जांच कर रही पुलिस जब उसे तीनों मोबाइल का टावर लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली तो हत्याकांड के साजिश में शामिल लोग चिह्नित होने लगे.
अन्य बिंदुओं पर भी पुलिस कर रही जांच : जमीन पर कब्जे को लेकर जिस भूमि कारोबारी से दिलीप का टसल चल रहा था, उसका आपराधिक चरित्र बताया जाता है. जमीन पर कब्जे को लेकर उक्त कारोबारी पर 11 वर्ष पूर्व गांव के ही अर्जुन ओझा के पुत्र अमित कुमार की हत्या कर देने का आरोप लगा था. उक्त हत्याकांड में उसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. पुलिस की निगाह उक्त कारोबारी के अलावा दिलीप के दो बिजनेस पार्टनर और उसके सहयोगियों पर भी है. नगर डीएसपी आशीष आनंद शीघ्र ही इन सबों से पूछताछ भी करनेवाले हैं.
दिलीप के भाई को झांसा देकर लिखवा ली थी जमीन
तीन माह पहले जमीन पर कब्जे को लेकर हुआ था बवाल
दिलीप ने उक्त प्रॉपर्टी डीलर पर दर्ज करायी थी प्राथमिकी
नगर डीएसपी ने मृतक के पुत्र और भाई का लिया बयान
बिजनेस पार्टनर से मिल हत्याकांड को दिया अंजाम!
जमीन पर कब्जे के दौरान हुए मारपीट से बौखलाये उक्त प्रॉपर्टी डीलर ने दिलीप को रास्ते से हटाने की ठान ली थी. पुलिस के अनुसार, उसका एक बिजनेस पार्टनर जो गांव का ही है, उसे मिला कर दिलीप को अपने वश में कर लिया. उसके तीनों मोबाइल को अपने कब्जे में कर साक्ष्य को छिपाने के लिए अलग-अलग जगहों पर भेज दिया.
यही कारण था कि पुलिस जांच में तीनों मोबाइल का लोकेशन तीन अन्य प्रदेशों में मिला था. इसके बाद ही पुलिस को उसकी हत्या में किसी नजदीकी के हाथ होने का शक हो गया था. जांच व छानबीन में पूरे मामले का ही खुलासा होने लगा है. दिलीप का अपने उक्त बिजनेस पार्टनर के यहां बीस लाख रुपये बकाया होने की बात भी सामने आयी है. पुलिसिया जांच में इसकी पुष्टि भी हो गयी है.