मुजफ्फरपुर : नोकझोंक, झड़प और हुल्लड़बाजी. रेलवे स्टेशन रोड पर अस्पताल तिराहे के पास कुछ ऐसे ही माहौल में शुक्रवार को करीब चार घंटे तक आवागमन ठप रहा. पटना में आंदोलन के दौरान हुई आंगनबाड़ी सेविकाओं की गिरफ्तारी के विरोध में सहयोगियों ने सड़क जाम कर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. इस दौरान वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप रहा, जबकि राहगीरों को आगे बढ़ने के लिए कई बार धक्का-मुक्की करनी पड़ी. जाम में फंसे लोगों के साथ आंगनबाड़ी सेविकाओं की झड़प भी हुई.
कुछ महिलाएं जबरदस्ती आगे बढ़ने लगीं, तो उनके साथ मारपीट की नौबत भी आ गयी. इस दौरान न तो कोई प्रशासन का प्रतिनिधि पहुंचा, न ही पुलिस अधिकारी. आखिरकार जाम में फंसे लोगों ने खुद ही दबाव बनाकर रास्ता खाली कराया. सड़क पर तीनों ओर से भीड़ का दबाव बढ़ने के कारण आंगनबाड़ी सेविकाओं को जाम हटाना पड़ा.
महिलाओं के साथ हुई नोकझोंक. दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जाम के दौरान कुछ महिलाएं पैदल स्टेशन की ओर जा रही थीं. जाम कर रही सेविकाओं की भीड़ से निकलने की कोशिश करने लगीं, तो उन्हें रोक दिया गया. इसको लेकर दोनों ओर से बहस हुई. बात बढ़कर नोकझोंक तक पहुंच गयी. दोनों ओर से महिलाएं एक-दूसरे से भिड़ गयीं. हालांकि वहां मौजूद अन्य सेविकाओं व जाम में फंसे लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया. इसके बाद जाम में फंसी महिलाएं दूसरे रास्ते से गंतव्य की ओर चली गयीं. ऐसा कई बार हुआ, जब मारपीट की नौबत आ गयी.
बाइक सवार करते रहे हूटिंग. सेविकाओं की जाम के कारण तीनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गयी थीं. जाम में बाइक सवार ज्यादा फंसे थे. इससे आक्रोशित बाइक सवार बार-बार हूटिंग कर रहे थे. जब भी सेविकाएं सरकार के खिलाफ नारेबाजी करतीं, युवक शोर मचाने लगते थे.
राहगीरों ने धकिया कर बनाया रास्ता. अस्पताल रोड से कल्याणी की ओर जाने के लिए करीब दो घंटे बाद गलियारे से रास्ता बन सका. दरअसल, जाम में वाहनों के साथ पैदल राहगीर भी फंसे हुए थे. कुछ लोग एक चाय की दुकान से होकर आने-जाने लगे, तो सेविकाओं ने दुकान में बेंच लगाकर रास्ता बंद कर दिया.