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एक ही भवन दिखा कर मुजफ्फरपुर व सीतामढ़ी में दो अलग-अलग बीएड कॉलेज

मुजफ्फरपुर: एक ही भवन को दिखा कर दो अलग-अलग जिलों में बीएड समेत अन्य कोर्स की मान्यता लेने के मामले की शिकायत पर वीसी डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा है कि मेरे संज्ञान में इस तरह के मामले आये हैं. इस तरह का फर्जीवाड़ा को पकड़ने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन […]

मुजफ्फरपुर: एक ही भवन को दिखा कर दो अलग-अलग जिलों में बीएड समेत अन्य कोर्स की मान्यता लेने के मामले की शिकायत पर वीसी डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा है कि मेरे संज्ञान में इस तरह के मामले आये हैं. इस तरह का फर्जीवाड़ा को पकड़ने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन किया जायेगा. बीएड कॉलेज की मान्यता के लिए विवि ने पिछले कुछ सालों में जो एनओसी निर्गत किये हैं, उनका रिव्यू कर फर्जीवाड़ा करनेवाले कॉलेजों की मान्यता को रद्द करने के लिए एनसीटीइ व सरकार को पत्र लिखेंगे.
वीसी को यह शिकायत मिली थी कि मुजफ्फरपुर के मुशहरी में चल रहे एक बीएड कॉलेज के भवन को दिखा कर सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर में बीएड कॉलेज की संबद्धता लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी. जबकि, सीतामढ़ी मानिक चौक धनहारा में जिस जगह पर कॉलेज का तीन मंजिला भवन एनसीटीइ की विजिटिंग टीम को दिखाया गया, लेकिन हकीकत में वहां अभी भवन निर्माण जारी है. कॉलेज प्रबंधन ने मान्यता से पूर्व एनसीटीइ को जो आवश्यक कागजात एवं विजिटिंग टीम के निरीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी की सीडी सौंपी है, उसमें पूरी तरह से तैयार तीन मंजिला भवन दिखाया गया है. भवन के अंदर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला, क्लास रूम, प्राचार्य कक्ष के अलावा छात्र-छात्राओं के लिए हर तरह की सुविधा का फुटेज है. इधर, इसकी शिकायत मिलने के बाद विवि प्रशासन ने अपने स्तर से इसकी जांच शुरू कर दी है. पिछले दिनों हुई परीक्षा बोर्ड में भी इसका मामला उठा. इसे सदस्यों ने अगली बैठक में प्रस्ताव पारित कर जांच कराने की बात कही. इसके बाद से इसमें शामिल कॉलेज प्रबंधन के साथ विवि अधिकारियों व कर्मचारियों में खलबली मच गयी है.
ट्रस्ट है दोनों कॉलेजों की संचालन अथॉरिटी : दोनों कॉलेज का संचालन अथॉरिटी एक ट्रस्ट है. इसका नाम दशरथ प्रसाद सिंह ट्रस्ट फॉर इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन ट्रेनिंग रिसर्च एंड कम्युनिटी डेवलपमेंट है. मुजफ्फरपुर के मुशहरी में 2014 से ही ट्रस्ट दशरथ प्रसाद सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन का संचालन कर रहा है. इसी बीच सीतामढ़ी में दूसरा बीएड कॉलेज खोलने की कवायद शुरू है. ट्रस्ट ने माता सीता सुंदर कॉलेज ऑफ एजुकेशन के नाम से बीएड कॉलेज खोलने की मंजूरी देने के लिए अप्रैल 2015 में एनसीटीइ भुवनेश्वर में आवेदन दिया. इसके बाद एनसीटीइ की विजिटिंग टीम अप्रैल, 2016 में कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंची. सूत्र बताते हैं कि रातों-रात मुशहरी में पहले से चल रहे दशरथ प्रसाद सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन के बोर्ड-बैनर को हटा वहां पर माता सीता सुंदर कॉलेज ऑफ एजुकेशन का बोर्ड लगा दिया गया था. यह विजिटिंग टीम के वीडियो फुटेज में भी दिख रहा है.
विवि भी दे चुका है अनापत्ति प्रमाणपत्र
सीतामढ़ी में माता सीता सुंदर कॉलेज ऑफ एजुकेशन को एनसीटीइ से संबद्धता लेने के लिए बीआरए बिहार विवि एनओसी जारी कर चुका है. तत्कालीन कुलसचिव डॉ रत्नेश मिश्रा के हस्ताक्षर से एनओसी जारी है. जिस सत्र में आवेदन के लिए विवि ने एनओसी जारी किया है, उस सत्र के लिए आवेदन करने की तिथि एनसीटीइ की ओर से 15 जुलाई तक ही निर्धारित है, लेकिन एनओसी 21 जुलाई की तिथि में जारी है. इसमें बताया गया है कि कॉलेज के पास बीएड कोर्स समेत चार वर्षीय बीए, बीएससी-बीएड काेर्स चलाने की पूरी व्यवस्था है. एनसीटीइ अगर मान्यता देती है, तो बीआरए बिहार विवि को आपत्ति नहीं है.
जो वीडियो सामने आया है, वह एनसीटीइ के निरीक्षण का है. एनसीटीइ की टीम कई बार निरीक्षण के लिए काॅलेज आयी थी. उसी में से यह किसी एक निरीक्षण का वीडियो फुटेज है. यह हमारे किसी विरोधी की साजिश है़ एनओसी के लिए बिल्डिंग बनना आवश्यक नहीं है. संबद्धता की प्रक्रिया चल रही है. एनसीटीइ से अभी नामांकन लेने की अंतिम मंजूरी नहीं मिली है.
राजीव कुमार, ट्रस्टी सह कॉलेज संचालक

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