जो काफी सदेहास्पद स्थिति है. इससे संबंधित वाहन के कार्य अवधि का पता लगाना मुश्किल है. मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब सफाई वाहनों में जीपीएस लगाने का निर्देश दिया है. हालांकि नगर प्रबंधक ने यह भी कहा है कि वाहन में जीपीएस लगाने वाले एजेंसी ने उपकरण बंद होने की सूचना कारण के साथ पत्र के माध्यम से दिया है.
बता दें कि शहर में सफाई के लिए फिलहाल छोटे से लेकर बड़े कुल 70 वाहन का उपयोग किया जा रहा है. ट्रैक्टर छोड़ अन्य सभी वाहन में जीपीएस लगाया गया है. दरअसल वाहनों में जीपीएस लगाने से इस बात का पता चल जाता है कि अमुक वाहन किस स्थान पर कितने समय तक सफाई कार्य किया है. दअसल सफाई वाहनों में तेल के खेल रोकने के लिए ही जीपीएस को लगाया गया था. पूर्व में सफाई के नाम पर तेल घोटाला के कई मामले उजागर हो चुके है.