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साउंड सिस्टम से भागेंगे नीलगाय व बनैला सूअर
मुजफ्फरपुर : नीलगाय व बनैला सूअर से फसल की बरबादी रोकने के लिए कृषि विभाग नयी तकनीक वाला साउंड सिस्टम लाने की तैयारी में है. कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत जल्द ही यह यंत्र किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध होंगे. यह जानकारी कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने बुधवार को दी. ओला […]
मुजफ्फरपुर : नीलगाय व बनैला सूअर से फसल की बरबादी रोकने के लिए कृषि विभाग नयी तकनीक वाला साउंड सिस्टम लाने की तैयारी में है. कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत जल्द ही यह यंत्र किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध होंगे. यह जानकारी कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने बुधवार को दी.
ओला गिरने से जिले में हुई फसल क्षति का मुआयना करने आये प्रधान सचिव ने माना कि नीलगाय व बनैला सूअर से किसान परेशान हैं. इनसे फसल को काफी नुकसान हो रहा है. दोनों जानवर इतने मजबूत व बड़े होते हैं कि इन्हें मारना आसान नहीं है. विभाग इनसे मुक्ति पाने के लिए वैज्ञानिक तरीका अपनाने जा रहा है.
उन्होंने कहा कि साउंड सिस्टम से एक विशेष तरह की आवाज निकलती है, जिसे सुनते ही जानवर भागने लगते हैं.मोतीपुर के बरजी पंचायत में फसल क्षति का जायजा लेने के बाद देर शाम सर्किट हाउस पहुंचे श्री कुमार ने बताया कि ओला गिरने से इस पंचायत में 90 प्रतिशत फसल बरबाद हुई है. गेहूं, मक्का, बकला, तोरी के साथ आम व लीची के मंजर को भी नुकसान पहुंचा है. जिले के गायघाट, कटरा, औराई, मीनापुर व मोतीपुर में हुई क्षति का भी आकलन कराया जा रहा है.
33 फीसदी से अधिक क्षति पर मुआवजा. प्रधान सचिव ने बताया कि 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जायेगा. आम व लीची के नुकसान की भरपाई 18 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से होगी. पदाधिकारियों को जल्द क्षति की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं. राज्य में तीसरे कृषि रोड मैप की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रोड मैप का काम अंतिम चरण में है. यह कुछ अलग तरह का होगा. अभी इसे गोपनीय रखा गया है. मौके पर जेडीए सुरेंद्र नाथ, उपनिदेशक राम प्रबोध ठाकुर, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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