मिश्रा टोली की घटना. आपसी विवाद में सास पर हत्या की साजिश रचने का आरोप
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पंखे से लटका मिला संगीत शिक्षिका का शव
मिश्रा टोली की घटना. आपसी विवाद में सास पर हत्या की साजिश रचने का आरोप मुजफ्फरपुर : शहर के गन्नीपुर मिश्रा टोली में गुरुवार की सुबह संगीत शिक्षिका नीलम कुमार (40) का शव पंखे से लटकता मिला है. उसकी पोस्टिंग बनारस बैंक चौक स्थित महिला शिल्प कला भवन स्कूल में थी. घटना की जानकारी किरायेदार […]
मुजफ्फरपुर : शहर के गन्नीपुर मिश्रा टोली में गुरुवार की सुबह संगीत शिक्षिका नीलम कुमार (40) का शव पंखे से लटकता मिला है. उसकी पोस्टिंग बनारस बैंक चौक स्थित महिला शिल्प कला भवन स्कूल में थी. घटना की जानकारी किरायेदार बिट्टू ने काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष मिथिलेश झा को मोबाइल पर दी. सूचना पर दारोगा रामविजय सिंह व अशोक महतो पुलिस बल के साथ जब घटनास्थल पर पहुंचे, तो नीलम का शव पंखे से लटक रहा था. इस बीच उसकी सास विद्या सिंह ने उसकी मौत की सूचना मोबाइल पर उसके मिठनुपरा सीपीएन कॉलोनी स्थित मायके वालों को दी. मायकेवालों ने इसकी सूचना नीलम के भाई अविनाश को दी. अविनाश को जिस समय घटना की सूचना मिली, वह पटना में था.
सूचना पर उसे अपने दोस्तों को मिश्रा टोली स्थित बहन की ससुराल भेजा. पुलिस ने कमरे की बारीकी से जांच करने के बाद वीडियोग्राफी कर शव को पंखे से उतारा. पुलिस कागजी कार्रवाई पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने वाली थी, लेकिन अविनाश के दोस्तों ने उसके आने तक शव को नहीं ले जाने की बात कही. देर शाम अविनाश के मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया. अविनाश ने सास विद्या सिंह पर साजिश के तहत किरायेदार सतीश कुमार उर्फ बिट्टू व उसकी पत्नी गुड्डी देवी के साथ मिलकर हत्या करने का अारोप लगा कर प्राथमिकी दर्ज करायी है. पुलिस किरायेदार बिट्टू को गिरफ्तार कर थाने ले आयी है.
15 साल पहले दिल्ली गया था पति, वापस नहीं आया. नीलम कुमारी मिठनपुरा के सीपीएन कॉलोनी निवासी रामेश्वर सिंह कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर गोपाल सिंह की पुत्री थी. उसकी शादी लगभग 20 वर्ष पूर्व मिश्रा टोली निवासी राजीव रंजन से हुई थी. राजीव पटना में प्रतियोगी कोचिंग चलाता था. 15 साल पहले एक निजी काम से राजीव दिल्ली गया, उसके बाद वह लौट कर वापस नहीं आया. तब से नीलम डिप्रेशन में चली गयी थी. उसका मेहंदी हसन चौक स्थित एक निजी अस्पताल में पिछले कई सालों से इलाज चल रहा था. पिछले एक साल से वह बिल्कुल ठीक हो गयी थी. उसके बाद वह एक निजी विद्यालय में संगीत के शिक्षक के रूप में काम करने लगी. छह माह पूर्व उसकी नौकरी बनारस बैंक चौक स्थित एमएसकेबी स्कूल में संगीत शिक्षक के रूप में हो गयी थी. नीलम की सास की मानें तो बुधवार की रात खाना खाकर वह कमरे में सोने चली गयी. सुबह दस बजे तक जब नहीं उठी, तो उसे आवाज दी, फिर भी वह नहीं उठी. फिर नीचे से एक बच्ची को बुलाकर उसे जगाने को बोला. बच्ची ने दो बार दरवाजे पर जाकर उसे पुकारा, पर वह नहीं उठी. फिर पीछे से खिड़की से देखा, तो वह पंखे से लटकी हुई थी.
विद्या सिंह की प्रताड़ना से उसके पति ने कर ली आत्महत्या. अविनाश ने आरोप लगाया है कि नीलम की सास की प्रताड़ना के
कई मामले पहले भी आ चुके हैं. प्रताड़ना से तंग आकर उसके पति शिव बालक सिंह ने गंगा नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली थी. साथ ही 15 साल पहले इकलौता बेटा राजीव रंजन जो रिश्ते में उसका बहनाेई है, घर से भाग गया था. वह अबतक लौट के वापस नहीं आया.
नीलम की हत्या कर शव को पंखे से टांगा गया है. उसका पैर पलंग पर मुड़े हुए थे. उसका शव पंखे के मात्र एक ब्लेड से लटका था और पंखे के ब्लेड डेढ़ा भी नहीं था.
बेटी छोटी ने कहा
मेरी मां कायर नहीं थी. सर, मेरी मां कायर नहीं है, वह आत्महत्या नहीं कर सकती. मां की मौत की सूचना मिलने के बाद मिठनपुरा स्थित अपने ननिहाल से मिश्रा टोली स्थित अपने घर पहुंची छोटी ने कही. मां के शव को देख कर वह बार- बार बेहोश हो रही थी. एक किरायेदार ने उसे संभाल कर अपने कमरे में सोफा पर बैठाया. लेकिन उसकी आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे थे. छोटी रोते- रोते बस एक ही बात कह रही थी. बचपन से पिता का प्यार नहीं मिला. मां थी जो मेरी दुनिया थी. अब वह भी नहीं रहीं. देर शाम छोटी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसके मामा ने उसे मिठनपुरा भेज दिया.
भाई अविनाश का आरोप
नीलम जमीन बेचने का विरोध करती थी, तो करा दी हत्या. उसकी सास पिछले 15 सालों से उसे प्रताड़ित करती थी. प्रताड़ना से नीलम का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था. सास विद्या सिंह हमेशा जमीन बेच कर पैसे को अपने चापलूसों में उड़ा देती थी. नीलम इसका विरोध करती थी. इस विरोध के चलते ही विद्या सिंह ने अपने किरायेदार सतीश कुमार उर्फ बिट्टू और उसकी पत्नी गुड्डी के साथ मिल कर उसकी हत्या कर दी है. आत्महत्या का रूप देने के लिये उसे पंखे से लटका दिया है. सास पर उसे पहले से ही शक था़ इसी वजह से भांजी को वह अपने पास रखता था. पिछले एक साल से नीलम की स्थिति में काफी सुधार आया था. पहले निजी स्कूल में संगीत टीचर का काम करती थी. फिर नगर निगम के तहत उसकी नौकरी संगीत शिक्षिका के रूप में एमसकेबी स्कूल में लग गयी. तब से वह रोज सुबह दस बजे स्कूल निकली और शाम चार बजे वापस लौटती थी. यह बात उसकी सास विद्या सिंह को नहीं पचता था.
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