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काजू-बादाम के पौधे को क्राॅस कर बनाया वंडरफ्रूट

विवि के फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रो संजय का कमाल मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने बॉयोटेक्नालॉजी के माध्यम से वंडरफ्रूट नाम के ऐसे पौधे को तैयार किया है, जो काजू व बादाम का मिक्स प्लांट हैं. यह पौधा बिहार के जलवायु के अनुकूल है. हाइब्रीड से तैयार किये […]

विवि के फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रो संजय का कमाल

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने बॉयोटेक्नालॉजी के माध्यम से वंडरफ्रूट नाम के ऐसे पौधे को तैयार किया है, जो काजू व बादाम का मिक्स प्लांट हैं. यह पौधा बिहार के जलवायु के अनुकूल है. हाइब्रीड से तैयार किये गये इस पौधे का लाभ आनेवाले समय में किसानों को मिलेगा. संजय ने बताया कि उनका उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विटामिन युक्त फ्रूट देना है.
आस्ट्रेलिया में आया आइिडया
डॉ संजय कुमार ने बताया कि उन्हें यह आइिडया आस्ट्रेलिया में काम करते वक्त आया. आस्ट्रेलिया के पर्थ से 600 किलोमीटर दूर हमें ऐसी जगहों पर ले जाया गया, जहां की मिट्टी बेकार हो चुकी थी. उस मिट्टी पर पौधे का फ्रूट प्लांटेशन करना था. वहां से आने के बाद इंडिया में इस तरह की जमीन को खोजा गया. इसी क्र म में बोचहां ब्लॉक के पुनबरवा गांव में पौधे लगाये गये. इन पौधों को हर साल चेक करते गये कि क्या-क्या कमी है. उन कमियों को दूर किया गया. तीन साल पहले कुछ फल लगे, लेकिन वह काम के नहीं थे. इसके बाद उस पर और काम किया गया. इसके बार ढेर सारे फल पौधों में हुए हैं.
सूबे के वातावरण के अनुकूल है वंडरफ्रूट, किसानों को मिलेगा इसका बेहतर लाभ
टिश्यू कल्चर से बढ़ेंगे पौधे . डॉ संजय ने बताया कि टिश्यू कल्चर के जरिये इस पौधे काे अधिक-से-अधिक विकसित किया जा सकता है. पौधों को ऐसी जगहों पर लगाना होगा, जहां पर पानी न जमा हो सके. जमीन की ऊपरी सतह पर अगर पौधे को लगाया जाये, तो यह सुरिक्षत रहेंगे और आसानी से फल देंगे. इस पौधे के जरिये बिहार में किसान आसानी से काजू व बादाम का मिक्स फ्रूट तैयार कर सकते हैं. इससे उन्हें बेहतर लाभ भी मिलेगा.
2005 में तैयार किया था क्रॉस बीज
डॉ संजय ने बताया कि 2005-06 में काजू व बादाम के बीजों को क्र ॉस करा कर पौधे का शक्ल दिया. इसके बाद यह पौधा धीरे-धीरे बढ़ता गया. करीब 10 साल बाद इसमें फल लगे हैं, जो बेहद ही स्वादिष्ट हैं. सेहत के लिए भी यह लाभदायक है. उन्होंने बताया कि काजू की पैदावार गरम प्रदेशों में होती है और बादाम ठंडे प्रदेशों में. ऐसी स्थिति में दोनों का बीज क्रॉस कर इस प्लांट को तैयार किया गया है. यह पौधा यहां के वातावरण के लिए भी अनुकूल है. इसकी लंबाई 20 फुट है. मौजूदा समय में करीब 12 पौधे लगे हैं, जो फल दे रहे हैं.

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