शहर के ट्रैवल एजेंसियों की मानें तो पहले जिस लिहाज से वैशाली के लिए वाहनों की बुकिंग होती थी, इस बार उतनी नहीं हो रही. कुछ लोगो नें लंबे टूर के लिए वाहनों को बुक किया है. ब्रह्मपुरा के व्यवसायी राजीव कुमार कहते हैं कि इस बार उनका कोई प्लान नहीं है. नोटबंदी के बाद से व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है.
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नोटबंदी: फीका रहेगा नये साल 2017 का जश्न, उल्लास है, जेब में पैसे नहीं
मुजफ्फरपुर: नोटबंदी के बाद नया साल इस बार उम्मीदों से परे है. लोगों में उल्लास तो है, लेकिन जेब खर्च की इजाजत नहीं दे रहा है. बच्चों की जिद पूरा करने के लिए कुछ योजनाएं जरूर बनायी जा रही हैं. शहर के गण्यमान्य की बात छोड़ दें, तो नौकरीपेशा व व्यवसाय से जुड़े लाेग शहर […]
मुजफ्फरपुर: नोटबंदी के बाद नया साल इस बार उम्मीदों से परे है. लोगों में उल्लास तो है, लेकिन जेब खर्च की इजाजत नहीं दे रहा है. बच्चों की जिद पूरा करने के लिए कुछ योजनाएं जरूर बनायी जा रही हैं. शहर के गण्यमान्य की बात छोड़ दें, तो नौकरीपेशा व व्यवसाय से जुड़े लाेग शहर के रेस्टोरेंट में पार्टियां मनाने से परहेज कर रहे हैं. कोशिश यही है कि बच्चों के साथ चाट-पकौड़े तक नये साल का सेलिब्रेशन समाप्त किया जाये. शहर के कई परिवारों ने एक जनवरी के लिए अभी तक विशेष प्लान नहीं बनाया है. वैशाली जानेवाले कुछ लोग जरूर हैं, लेकिन संख्या काफी कम है.
शहर के ट्रैवल एजेंसियों की मानें तो पहले जिस लिहाज से वैशाली के लिए वाहनों की बुकिंग होती थी, इस बार उतनी नहीं हो रही. कुछ लोगो नें लंबे टूर के लिए वाहनों को बुक किया है. ब्रह्मपुरा के व्यवसायी राजीव कुमार कहते हैं कि इस बार उनका कोई प्लान नहीं है. नोटबंदी के बाद से व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है.
घर में मनायेंगे नया साल : प्राइवेट स्कूल के शिक्षक डॉ विजय शंकर मिश्र कहते हैं कि जेब में रुपये ही नहीं हैं तो नया साल का सेलिब्रेशन कैसा. हमलोग इस बार अपने घर में ही नया साल मनायेंगे. जेल रोड में परचून दुकान चलाने वाले जियाउल कहते हैं कि रुपयों की तंगी है. ऐसे में दुकानदारी में ही नये साल का पहला दिन बीतेगा.
फूलों के खरीददार नहीं : नये साल पर शुभकामनाओं के लिए शहर में फूलों का बाजार सज गया है, लेकिन ग्राहक नदारद हैं. दुकानों में बेला, चमेली, गुलाब सहित रंग-बिरंगे फूलों के गुलदस्ते बनाये जा रहे हैं. हालांकि उस लिहाज से ग्राहक नहीं हैं. दुकानदारों का कहना है कि हर वर्ष दो-चार दिन पहले से ही ऑर्डर मिलना शुरू हो जाता था. इस बार बाजार फीका है. बड़ी कंपनियों के अलावा अन्य प्रतिष्ठानों के ऑर्डर नहीं मिले हैं. कुछ रेस्टोरेंट से गुलाब फूल की मांग है. बास्केट व बुके का बाजार इस बार बहुत मंदा है. फूल विक्रेता संदीप कुमार कहते हैं कि नोटबंदी को देखते हुए उन्होंने इस बार फूल काफी कम मंगवाया था. लेकिन उसकी भी खपत नहीं है. संदीप ने बताया कि इस बार शराबबंदी का भी फूल की बिक्री पर असर पड़ा है. रेस्टारेंट व होटलों में पार्टियां आयोजित नहीं हो रहा है. इस कारण रेस्टारेंट की सजावट भी पहले की अपेक्षा बहुत कम है. बुके खरीदने वाले लोग गुलाब का फूल खरीद रहे हैं. इस हालत में इस बार फूल की बिक्री काफी कम हो गयी है.
भक्तों की भीड़ नियंत्रित करने की विशेष तैयारी
नये साल पर मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की भीड़ की संभावना पर विशेष व्यवस्था की गयी है. गरीबनाथ मंदिर में बैरिकेटिंग को दुबारा दुरुस्त कराया जा रहा है. यहां पिछले साल अत्यधिक भीड़ के कारण बैरिकेडिंग टूट गयी थी. इसके अलावा हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में भक्तों के दर्शन के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. भक्तों के दर्शन के लिए देवी मंदिर को चकाचक किया जा रहा है. इसके अलावा बंगलामुखी मंदिर, काली मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए मंदिर प्रबंधन इंतजाम में जुटा है. गरीबनाथ मंदिर के पुजारी पं. विनय पाठक कहते हैं कि एक जनवरी को सबसे अधिक भीड़ दर्शन करने वालों की रहती है. इस लिहाज से यहां इंतजाम किया गया है.
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