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किसानों से वसूल रहे ‍ऊंचे दाम

मुजफ्फरपुर : कृषि विभाग की चुप्पी से जिले में किसानों का शोषण हो रहा है. बीज, उर्वरक, खरपतवार नाशक दवा व सूक्ष्म पोषक तत्व की खरीद पर दुकानदार किसानों से अवैध पैसे वसूल रहे हैं. खेती की इन सामग्रियों के बैग पर जो निर्धारित अंकित मूल्य हैं, दुकानदार उससे भी ज्यादा पैसे ले रहे हैं. […]

मुजफ्फरपुर : कृषि विभाग की चुप्पी से जिले में किसानों का शोषण हो रहा है. बीज, उर्वरक, खरपतवार नाशक दवा व सूक्ष्म पोषक तत्व की खरीद पर दुकानदार किसानों से अवैध पैसे वसूल रहे हैं. खेती की इन सामग्रियों के बैग पर जो निर्धारित अंकित मूल्य हैं, दुकानदार उससे भी ज्यादा पैसे ले रहे हैं.
इसके बदले किसानों को गलत रसीद थमा रहे हैं. ताकि किसानों के पास शिकायत का कोई सबूत नहीं बचे. दुकानदार किसानों को वैसी रसीद थमा रहे हैं, जिसकी समयसीमा समाप्त है. दुकानदारों के इस कारनामे से कृषि विभाग के स्थानीय अधिकारी व कर्मी अनजान नहीं हैं. सबकी जानकारी में किसान शोषित हो रहे हैं. यह जिले में कृषि विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
सरैया पोखरैरा के किसान श्याम कुमार दुकानदार की ठगी के शिकार हुए हैं. श्याम कुमार ने छितरी स्थित एक बीज दुकान से जीरो टिलेज किट लिया था. दुकानदार ने उन्हें 1980 रुपये का बिल थमा दिया. किसान से गेहूं के बीज का मूल्य 1280 रुपये व हरबीसाइड क्रॉस नाम की दवा (खरपतवार नाशक) के लिए 480 रुपये वसूल लिये, जबकि गेहूं के बोरे में पर एमआरपी 1200 रुपये व क्रॉस दवा पर 350 रुपये अंकित हैं. दुकान की रसीद पर दो किलोग्राम बोरन की कीमत दो सौ रुपये हैं.
नियमानुसार किसी भी सामान के बैग पर अंकित मैक्सिम रिटेल प्राइस (एमआरपी) से अधिक कीमत नहीं ली जा िकसानों से वसूल सकती है.
हैरत की बात तो यह है कि इसकी जानकारी कृषि विभाग के पदाधिकारी व कर्मियों तक पहुंच चुकी है. बावजूद विभाग मामले में नोटिस नहीं ले रहा है. एबीआरआइ भटाैलिया के निदेशक अविनाश कुमार कहते हैं कि कृषि समन्वयक भी मानते हैं कि जीरो टिलेज किट का एमआरपी से अधिक पैसे लिये जा रहे हैं. लेकिन, वे कुछ बोलने या कार्रवाई से कन्नी काट रहे हैं. केरमा के किसान संतोष कुमार बताते हैं कि किसानों का शोषण अधिकारियों की जानकारी में होती है. इसकी शिकायत सीएम से करेंगे.
क्या है जीरो टिलेज किट
गेहूं की उन्नत खेती के लिए कृषि विभाग एक योजना चला रहा है, जिसमें किसान कम जुताई पर गेहूं की बोआई कर अधिक उत्पादन का लाभ ले सकते हैं. नियम के तहत किसानों को जीरो टिलेज किट खरीदने के समय पूरे पैसे देने होते हैं. कृषि विभाग बाद में अनुदान की राशि किसानों के बैंक खाते में आरटीजीएस से भुगतान कर देता है.
बयान :::
एमआरपी से अधिक पैसे लेना बिल्कुल गलत है. जो दुकानदार ऐसा कर रहे हैं, उन पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई होगी. प्रखंड कृषि अधिकारी से मामले की जांच करायी जायेगी.
विकास कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी

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