मुजफ्फरपुर : चुनाव आयोग द्वारा देश में 1900 से अधिक राजनीतिक दलों का इस्तेमाल कालेधन को खपाने में किये जाने के दावे के साथ ही बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में शिक्षकों और नेताओं के बैंक खातों का इस्तेमाल 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने के लिए करने की आशंका जाहिर की गयी है. खुफिया विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, जिले के नक्सली और अपराधी पुराने नोटों को खपाने के लिए शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों या फिर उनके समर्थकों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर सकते हैं. वे ऐसे खातों में पैसा जमा करा सकते हैं. इस बाबत खुफिया विभाग की ओर से रिपोर्ट जारी करने के बाद जिलाधिकारी ने दो अनुमंडल अधिकारियों, जिले के प्रबंधकों और सभी प्रखंडों के बीडीओ को अलर्ट जारी कर दिया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पहले खुफिया विभाग ने नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपराधियों और नक्सलियों द्वारा बैंकों की शाखाओं और डाकघरों और कैश वैन में लूट की आशंका जाहिर की गयी थी. बाद में खुफिया विभाग ने नेताओं और शिक्षकों के बैंक और डाकघर खातों में नक्सलियों और अपराधियों द्वारा 500 और हजार रुपये के नोटों को जमा कराने की आशंका जाहिर की है.
खुफिया विभाग से इस प्रकार की रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने दोनों अनुमंडल अधिकारी, जिला अग्रणी प्रबंधक व सभी बीडीओ को अलर्ट जारी किया है. इससे पहले नोटबंदी के कारण होनेवाले नुकसान की भरपाई के लिए नक्सलियों के बैंक व डाकघर शाखाओं व रुपये एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के क्रम में लूट की आशंका जतायी गयी थी. बताया गया है कि लूट, डकैती, अपहरण के जरिये इन लोगों ने काफी राशि जमा की थी, लेकिन नोटबंदी के कारण इसमें से काफी राशि बेकार हो गयी है.