राहत. सेंट्रल बैंक, एसबीआइ व आइसीआइसीआइ की एटीएम से निकल रहे नोट
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एटीएम से निकले 2000 के नोट
राहत. सेंट्रल बैंक, एसबीआइ व आइसीआइसीआइ की एटीएम से निकल रहे नोट मुजफ्फरपुर : नोट बंदी के नौंवे दिन शहर के कुछ बैंकों के एटीएम से 2000 रुपये के नोट निकलने शुरू हो गये. एसबीआइ और आइसीआइसीआइ बैंक सहित एक दो अन्य बैंकों के कुछ एटीएम से दो हजार रुपये के नये नोट निकलने शुरू […]
मुजफ्फरपुर : नोट बंदी के नौंवे दिन शहर के कुछ बैंकों के एटीएम से 2000 रुपये के नोट निकलने शुरू हो गये. एसबीआइ और आइसीआइसीआइ बैंक सहित एक दो अन्य बैंकों के कुछ एटीएम से दो हजार रुपये के नये नोट निकलने शुरू हो गये है. इससे एटीएम से निकासी करने वाले ग्राहकों को बहुत राहत मिलेगी. जिन एटीएम में दो हजार के नये नोट डाले जा रहे है वहां जल्दी से कैश खत्म नहीं होगा और अधिक ग्राहक एक ही एटीएम से निकासी कर पाएंगे. वहीं अन्य बैंकों की ओर से भी एटीएम में 2000 रुपये के नोट डालने की तैयारी चल रही है. दो से चार दिनों और बैंकों के एटीएम से यह नोट निकलने लगेंगे, तो लोगों को और राहत मिलेगी. इधर, बैंक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 से 15 दिन के बाद एटीएम से पांच सौ रुपये के नये नोट भी एटीएम से निकलने लगेंगे.
इंक सिस्टम पहले दिन से होना चाहिए : बैंकों में एक्सचेंज काउंटर पर इंक लगाने से भीड़ में काफी कमी आयी है. जबकि सभी बैंक शाखाओं को यह इंक उपलब्ध नहीं हो पाया है. एक दो दिनों में जिन शाखाओं में यह इंक नहीं पहुंचा है उन सभी शाखाओं में यह उपलब्ध हो जायेगा. प्रबंधन की ओर से इसकी तैयारी चल रही है. इस मामले में बैंक अधिकारियों का कहना है कि यह काम सरकार पहले दिन से ही करती है तो इतनी अफरा-तफरी की स्थिति नहीं रहती है. और सभी जरूरतमंद ग्राहकों के बीच आसानी से कैश वितरित होता. चूंकि हंगामा के बाद कैश काउंटर पर कुछ बैंकर बैठने से घबराने लगे थे. लेकिन अब स्थिति बहुत कंट्रोल हुई है.
चालू व सीसी खातों में बढ़ा ट्रांजेक्शन : व्यापारियों की ओर से बैंकों में खोले गये चालू खाता, सीसी व अन्य व्यावसायिक खातों में रोज लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन हो रहा है. इन खातों में पुराने नोट डाले जा रहे है और उसमें निकासी के बजाये दूसरे खातों में पैसों का ट्रांसफर हो रहा है. बीतें चार दिनों में इन खातों में जमा में बढ़ोत्तरी हुई है व इन खातों में आरटीजीएस के माध्यम से पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है.
250 करोड़ रुपये का वितरण : बीते नौ दिनों में जिले में करीब 250 करोड़ से अधिक रुपये का वितरण ग्राहकों के बीच किया गया है. इसमें से 50 प्रतिशत राशि एक्सचेंज व 50 प्रतिशत राशि खातों से विडरॉल के माध्यम से हुई है. इंक लगाने से एक्सचेंज कराने वालों की भीड़ में थोड़ी कमी आयी है लेकिन चेक व विडरॉल फॉर्म के माध्यम से निकासी बढ़ी है.
ग्रामीण शाखाओं की भीड़ शहर की ओर : ग्रामीण क्षेत्र में स्थित कुछ बैंकों की शाखाओं में पर्याप्त मात्रा में कैश उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण, गांव के ग्राहकों की भीड़ शहर की ओर रूख कर रही है. इस कारण शहरी क्षेत्र में स्थित बैंक शाखाओं में भीड़ बढ़ने लगी है. वहीं इसका एक दूसरा कारण यह भी है कि अधिकांश निजी व कुछ सरकारी बैंकों ने अपने बैंक के ग्राहकों को छोड़ दूसरे बैंक के ग्राहकों के नोट एक्सचेंज का काम करना बंद कर दिया है. इस कारण एसबीआइ की शाखाओं में भीड़ बढ़ने लगी है.
जिन बैंक शाखाओं में नोट एक्सचेंज का काम बंद कर रखा है, उन्होंने अपने शाखा के बाहर नोटिस चिपका रखा है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में कैश नहीं है इसलिए नोट एक्सचेंज का काम ठप है.
दो तीन साल पुराने खातों में जमा हो रहा पैसा : बीते नौ दिनों में ऐसे हजारों खाते जो दो तीन साल से डेड पड़े हुए थे, जिन खातों में लेन देन नहीं हो रहा था. उन खातों में भी लोगों ने पैसा जमा करना शुरू कर दिया है. जिन खातों में केवाइसी अपडेट नहीं था, उन खातों को चालू करवाने के लिए लोग अपने कागजात जमा करा रहे है. बैंक प्रबंधन की माने तो आज के डेट में शायद ही ऐसा कोई खाता हो जिसमें पैसा जमा नहीं हो रहे हो. लेकिन दो तीन साल से डेड पड़े खातों में लोग 50 हजार से अधिक रकम नहीं डाल रहे है. इन खातों में 48 व 49 हजार रुपये डाले जा रहे है. ताकि उन्हें पैन नंबर ना देना पड़े. चूंकि 50 हजार से अधिक कैश जमा करने पर पैन नंबर देना अनिवार्य है.
रुपये लेने गयी महिला हुई बेहोश : 500 व 1000 के पुराने नोट बंद होने से घर के छोटे छोटे जरूरत को भी पूरा करने में आम आदमी के पसीने छूट रहे है. अहियापुर थाने क्षेत्र के बड़ा जगन्नाथ गांव में किराये पर रहा रही नीलू देवी के घर दो दिनों से गैस खत्म था. चुकी एक माह पूर्व ही वह किराये ली थी. इसके चलते उसके पास गैस कनेक्शन नहीं था. छोटे सिलेंडर में गैस भड़ाने के लिए भेंडर सौ का नोट मांग रहा था. गुरुवार की सुबह से ही अहियापुर के इलाहाबाद ब्रांच में रुपये लेने के लिए लाइन में लग गयी.
दोपहर एक बजे तक रुपये नहीं मिलने पर वह बेहोश हो गयी. इसके बाद बैंक मैनेजर ने उसे रुपये निकाल कर दे दिया.
शुक्रवार से और भी एटीएम में डाले जायेंगे दो हजार के नोट
200 एटीएम अब भी हैं बंद
जिले में कुल 30 बैंक कार्यरत है, इन सभी को मिलाकर कुल 400 एटीएम पूरे जिले में है. लेकिन अभी भी करीब दो सौ से अधिक एटीएम चालू नहीं हो सके है. इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसका दो प्रमुख कारण बैंक की ओर से बताया जा रहा है. इसमें कई एटीएम से अब तक पुराने नोट नहीं निकाले जा सके है व कुछ एटीएम में नये नोट डालने को लेकर उसके शॉकेट बदले जा रहे है. करीब 70 प्रतिशत एटीएम में कैश लोडिंग व उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों के हवाले है. जो इन दिनों शाखाओं में कैश पहुंचाने में लगी है.
रेडक्रॉस एसबीआइ की एटीएम से िनकले 2000 का नोट िदखाता ग्राहक.
100 के करेंसी की हुई कमी
सौ के नोट का रोटेशन नहीं होने के कारण बैंकों में 100 के करेंसी की कमी हो गई है. बीते नौ दिनों के भीतर जिले में करीब 150 करोड़ (100 के नोटों में) रुपये एक्सचेंज व खातों से निकाले गये. लेकिन इन पैसों का रोटेशन नहीं होने के कारण कुछ बैंकों में सौ के नोटों की कमी हो गई है. बैंक अधिकारी नाम ना बताने की शर्त पर बताते है कि बाजार में पैसे का रोटेशन नहीं हो पा रहा है. एक दो बैंकों के पास तो सौ के नोट लगभग खत्म होने के कगार है. इसी स्थिति के कारण उन बैंकों में एक्सचेंज का काम बंद हो रखा है. कुछ ग्रामीण शाखाओं में पर्याप्त मात्रा में कैश उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
एसबीआइ मुजफ्फरपुर अंचल के 11 जिलों में 200 एटीएम से दो हजार के नये नोट गुरुवार से निकलने शुरू हो गये है. इसमें मुजफ्फरपुर में 16 एटीएम से दो हजार के नये नोट निकल रहे है. दो से चार दिनों के भीतर एसबीआइ के अधिकांश एटीएम में यह सेवा उपलब्ध हो जायेगी.
मनोज मेहरोत्रा, डीजीएम, एसबीआइ
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