मुजफ्फरपुर: धोखाधड़ी व धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के मामले के आरोपित निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के विरुद्ध न्यायिक दंडाधिकारी रंजूला भारती ने जामानतीय वारंट निर्गत करने का आदेश दिया है.
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने 16 अप्रैल 2012 को सीजेएम की अदालत में मामला दर्ज कराया था. इसमें निर्मल बाबा को आरोपित बनाया था.
अधिवक्ता ने आरोप लगाया था कि निर्मल बाबा अपने को भगवान के अनुयायी बताते हुए देश के 35 चैनलों के माध्यम से धर्म के नाम पर प्रचार-प्रसार करते थे, और कहते थे कि उनके आशीर्वाद से सब कष्ट दूर हो जायेगा. आप अपने कमाई का दस प्रतिशत मेरे नाम पर भेजे. आपकी सारी मनोकामना पूरी हो जायेगी. उनकी बातों पर विश्वास कर मैंने उनके नाम से दो हजार रुपये भेजा. मेरी मनोकामना पूरी नहीं हुई. आरोपित ने मेरे साथ-साथ देश के करोड़ों जनता के भावना को ठेस पहुंचाने का काम किया है. इस तरह से आम जनता के 2 सौ 45 करोड़ रुपये का ठगी कर अपने नाम किया है.
सीजेएम ने मामले में सुनवाई करते हुए जांच के लिए मामले को न्यायिक दंडाधिकारी रंजूला भारती के यहां भेजा था. जहां न्यायिक दंडाधिकारी ने भदवि की धारा 417,298 में 9 जुलाई 2013 को निर्मल बाबा के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए सम्मन निर्गत किया था. इसी मामले में न्यायालय ने आज जमानतीय वारंट निर्गत करने का आदेश दिया है.