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मुजफ्फरपुर का 13 टैंकर डीजल भी हुआ गायब

मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर : बरौनी रिफायनरी से सहरसा के लिए चले डीजल के 13 टैंकरों के गायब होने की आंच सोनपुर मंडल में भी पहुंच गयी है. हालांकि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है. गायब होने वाले डीजल टैंकरों की संख्या बढ़ती जा रही है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक 26 टैंकर डीजल गायब हुआ है. इसमें 13 […]

मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर : बरौनी रिफायनरी से सहरसा के लिए चले डीजल के 13 टैंकरों के गायब होने की आंच सोनपुर मंडल में भी पहुंच गयी है. हालांकि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है. गायब होने वाले डीजल टैंकरों की संख्या बढ़ती जा रही है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक 26 टैंकर डीजल गायब हुआ है. इसमें 13 टैंकर समस्तीपुर मंडल का व 13 टैंकर सोनपुर मंडल का, जिसे मुजफ्फपुर आना था. इधर, सोनपुर मंडल के अधिकारियों ने अपनी गरदन फंसती देख बुधवार को मुजफ्फरपुर जंकशन पर डिपो इंचार्ज सुधीर कुमार को हटा दिया. जांच प्रभावित होने के डर से ऐसा किया गया है. सुधीर की जगह मुजफ्फरपुर में ही तैनात मुख्य लोको निरीक्षक केवी

मुजफ्फरपुर का 13 टैंकर
मधुकर को डिपो इंचार्ज बनाया गया है.
बरौनी से मुजफ्फरपुर के चले डीजल को रास्ते में बेचे जाने की बात सामने आ रही है. डीजल टैंकर गायब करने का खेल समस्तीपुर रेल मंडल की तर्ज पर ही हुआ है, जिसका भुगतान संबंधित मंडल से कर दिया गया. इधर, मुजफ्फरपुर डिपो प्रभारी के हटाये जाने के बाद इस मामले में शामिल सोनपुर मंडल के कई कर्मियों को कार्रवाई का डर सताने लगा है. इस बाबत पूछे जाने पर मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय प्रकाश पंडित ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच चल रही है.
पैसा बंटवारे में खुला मामला!. सोनपुर मंडल के वित्त विभाग से जुड़े एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि डीजल का खेल पिछले छह माह से चल रहा था. इसे बड़े शातिर अंजाद में अंजाम दिया जा रहा था, लेकिन टैंकर गायब करने में जो रकम आयी, उसके बंटवारे में गड़बड़ी से मामला खुल गया. बंटवारे से गुस्साये एक कर्मचारी ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, तब मामला सामने आ गया. हालांकि एक अधिकारी का कहना है कि इंडियन ऑयल के ऑडिट से घोटाले की बात सामने आयी है.
ट्रेन को रद्द दिखा कर हुआ था घोटला. समस्तीपुर रेल मंडल में चलती ट्रेन को रद्द दिखा कर कुछ वर्ष पूर्व करोड़ों का घोटाला हुआ था. इस मामले में मंडल के तत्कालीन सीनियर डीसीएम व एसीएम को भी आरोपित किया गया था. मामले की जांच अभी चल ही रही है. हालांकि,मामले में कुछ छोटे तबके के कर्मियों को दंडित कर पुन: नौकरी पर बहाल किया जा चुका है. मामले को एक रिजव्रेशन क्लर्क ने उजागर किया था. ट्रेन रद्द होने से नेट ढावा पर टिकट काटने वाले संचालकों को फायदा हुआ था. ट्रेन रद्द होने उनके खातों में टिकट की राशि वापस हो गयी थी.
हटाये गये रेलवे के डिपो इंचार्ज
अब तक 26 टैंकर डीजल गायब होने की बात आयी सामने
इंडियन ऑयल ने बरौनी में दर्ज करायी है प्राथमिकी
रेलवे की ओर से अभी तक नहीं करायी गयी प्राथमिकी
आरपीएफ के आइजी कर रहे हैं मामले की मॉनिटरिंग
समस्तीपुर मंडल करवा सकता है सीबीआइ जांच
डीजल घोटाले की चल रही जांच की मॉनीटंिरग आरपीएफ के आइजी कर रहे हैं. समस्तीपुर रेल मंडल प्रशासन इस मामले को सीबीआइ को देने की तैयारी कर रहा है. चर्चा है कि इस घोटाले में आइओसी के अधिकारी से लेकर रेलवे के कई बड़े अधिकारी भी कालाबाजारियों से मिले हैं, जो स्टॉक प्वाइंट पर तेल गिराने के बदले रास्ते में ही किसी पंप वालों से तेल कम दामों पर बेच रहे हैं. सूत्रों पर भरोसा करें, तो पूर्व मध्य रेलवे में यह खेल वर्षों से चल रहा है. इस बीच सूचना है कि सहरसा के मामले में आइओसी बरौनी ने घटना की प्राथमिकी बरौनी थाने में करायी है. हालांकि, रेलवे की तरफ से अभी तक कहीं प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है.
चेयरमैन के रूप में मुझे बना दिया निरीह
मुंबई. टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने से आहत सायरस मिस्त्री ने रतन टाटा के खिलाफ कई आरोप लगाये हैं. यहां तक कहा है कि कंपनी में उन्हें ‘एक निरीह चेयरमैन’ की स्थिति में ढकेल दिया गया था. टाटा समूह में कई वैकल्पिक शक्ति केंद्र बन गये थे.
टाटा संस के निदेशक मंडल के सदस्यों को लिखे एक गोपनीय किंतु विस्फोटक ई-मेल में सायरस ने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने का कोई मौका दिये बगैर ही चेयरमैन पद से हटाया गया. काॅरपोरेट जगत के इतिहास की अनूठी घटना बताते हुए कहा कि यह कार्रवाई ‘चटपट अंदाज’ में की गयी.
25 अक्तूबर को लिखे ई-मेल में मिस्त्री ने कहा कि 24 अक्तूबर 2016 को निदेशक मंडल की बैठक में जो कुछ हुआ, वह हतप्रभ करने वाला था, उससे मैं अवाक हूं. वहां की कार्रवाई के अवैध व कानून के विपरीत होने के बारे में बताने के अलावा, मुझे यह कहना है कि इससे निदेशक मंडल की प्रतिष्ठा में कोई वृद्धि नहीं हुई. मिस्त्री के आरोपों के बारे में टाटा संस से जवाब लेने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी.
सायरस ने कहा कि अचानक से हुई कार्रवाई व स्पष्टीकरण के अभाव से अफवाह को बढ़ावा मिला. इससे उनकी और टाटा समूह की साख को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं यह विश्वास नहीं कर सकता कि मुझे काम नहीं करने के आधार पर हटाया गया. उन्होंने दो निदेशकों का जिक्र किया, जिन्होंने उन्हें हटाये जाने के पक्ष में वोट दिया, जबकि हाल ही में उन लोगों ने उनके कामकाज की सराहना की थी.
मिस्त्री ने टाटा समूह की कंपनियों में विरासत में मिली समस्याओं के बारे में विस्तार से बताते हुए अपने पत्र में लिखा है कि जेएलआर व टेटले के अपवाद को छोड़ कर विदेशी अधिग्रहण रणनीति से बड़े पैमाने पर कर्ज का बोझ बढ़ा. यूरोपीय इस्पात कारोबार की संपत्ति के मूल्य को 10 अरब डाॅलर से अधिक घटने की आशंका है. आइएचसीएल के कई विदेशी संपत्तियां व ओरिएंट होटल्स में होल्डिंग को घाटे में बेचा गया. न्यू याॅर्क में पिएरे के पट्टे के लिये, जो कठिन शर्तें रखी गयी, उससे बाहर निकलना चुनौतीपूर्ण होगा. टाटा केमिकल्स को अपने ब्रिटेन व केन्या परिचालनों के संदर्भ में अभी भी कड़े निर्णय की जरूरत है.
एक चेयरमैन के…
समूह की होटल इकाई आइएचसीएल के मामले में कड़ी आलोचना करते हुए कि अंतरराष्ट्रीय रणनीति में काफी गड़बड़ी थी और उसने सीरॉक संपत्ति का काफी ऊंचे मूल्य पर अधिग्रहण किया. इस विरासत को सुलझाने के क्रम में आइएचसीएल को पिछले तीन साल में अपना करीब पूरा नेटवर्थ बट्टे खाते में डालना पड़ा. इससे उसकी लाभांश देने की क्षमता प्रभावित हुई. उन्होंने अपने पत्र में टाटा कैपिटल, टाटा पावर और समूह के दूरसंचार कारोबार की समस्याओं को भी विस्तार से बताया है, जो उन्हें विरासत में मिली.

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