मीनापुर : चाको छपड़ा निवासी गणेश ठाकुर की मौत धान के खेत में पटवन के दौरान हो गयी थी. परिजनों ने बताया था कि उनकी मौत धूप लगने से हुई थी. किंतु उनकी मौत धूप लगने से नहीं, बल्कि जहर खाने से हुई. जहर खाने की रपट पीएचसी में परिजनों ने ही दर्ज कराया था. अब मौत को लेकर कई तरह के संदेह उत्पन्न हो रहे हैं. परिजन भी संदेह के घेरे में आ गये हैं.
27 अगस्त को चाको छपड़ा निवासी गणेश ठाकुर (45) धान के खेत में पटवन करने गये थे. उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. गणेश को इलाज के लिए मीनापुर सीएचसी लाया गया. डॉक्टरों को जहर खाने की बात बतायी गयी. पीएचसी के इमरजेंसी रजिस्टर में उन्हें 27 अगस्त को भरती करायी गयी थी. इमरजेंसी रजिस्टर में मरीज का निबंधन
संख्या- 4500 है. उसका सीरियल नौ नंबर है.
मरीज के नाम से बने कागजात पर जहर का केस लिखा है. गणेश ठाकुर को गंभीर अवस्था में एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया. जहां इलाज शुरू होने से पहले ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. हालांकि पोस्टमार्टम नहीं कराया गया.
शुक्रवार की रात इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉ मदन किशोर ने बताया कि पीएचसी के रजिस्टर में मरीज के जहर खाने की बात आ रही है.
पीएचसी प्रभारी डॉ सीएम मिश्रा ने बताया कि उक्त मरीज का प्राथमिक उपचार डॉ रजनीश कुमार गांधी ने किया था. गणेश ठाकुर का इलाज करने वाले डॉ रजनीश कुमार गांधी ने बताया कि मरीज की स्थिति बहुत खराब थी. परिजनों ने बताया था कि खाली पेट में ही वह कीटनाशक छिड़काव के लिए धान के खेत में चले गये थे. कीटनाशक डालने के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गयी थी. गणेश ठाकुर को पांच पुत्री व तीन पुत्र है. उसके पास दो बीघा खेत है.