मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में राष्ट्रीय सेवा योजना की राशि खर्च करने में कॉलेज इकाइयों की मनमानी अब नहीं चलेगी. इसके लिए उन्हें पहले विशेष सलाहकार समिति से मंजूरी लेनी होगी. विवि में इसका गठन सात साल के लंबे अंतराल के बाद किया गया है.
कुलपति इसके पदेन अध्यक्ष व एनएसएस समन्वयक इसके पदेन सदस्य सचिव होंगे. इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी. इसके अन्य सदस्यों में तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त या उनका एक प्रतिनिधि, उच्च शिक्षा निदेशालय का एक प्रतिनिधि, युवा, कार्यक्रम व खेल मंत्रलय के युवा अधिकारी, कुलसचिव, वित्त पदाधिकारी, दो कार्यक्रम पदाधिकारी, एनएसएस के दो स्वयंसेवी, पांच सरकारी या गैर सरकारी संस्थान के प्रतिनिधि, चार कॉलेज के प्राचार्य व तीन फैकल्टी मेंबर शामिल होंगे.
मंत्रालय के सुझाव पर बनी समिति
विवि एनएसएस के सलाहकार समिति का गठन युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रलय के निर्देश पर हुआ है. पिछले दिनों मंत्रलय के युवा अधिकारी दीपक कुमार के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम ने विवि का दौरा किया. इस दौरान कॉलेज इकाइयों की ओर से छात्र-छात्रओं के नामांकन के समय लिये जाने वाले एनएसएस शुल्क में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की बात सामने आयी. यही नहीं कॉलेज इकाइयों की ओर से खर्च हुई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र देने में भी लापरवाही बरतने पर उन्होंने रोष जताया. बाद में उन लोगों ने कुलपति डॉ रवि वर्मा से मुलाकात कर उन्हें सलाहकार समिति के गठन का सुझाव दिया.
साल में होगी दो बैठक
विवि में एनएसएस के साल भर के बजट निर्माण की जिम्मेदारी सलाहकार समिति के जिम्मे होगी. उसकी ओर से पास बजट के आधार पर ही युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रलय विवि को फंड मुहैया करायेगी. बजट में कॉलेजों संभावित कार्यक्रमों व कैंप के के संबंध में भी जानकारी दी जायेगी. इसके अलावा एनएसएस की संभावित आय-व्यय का ब्योरा भी इसमें दर्ज होगा. सलाहकार समिति साल में दो बार बैठक करेगी. नव गठित समिति की पहली बैठक जून माह में होने की संभावना है.