मंदिर प्रबंधन की माने तो साढ़े तीन लाख कांवरियों के अलावा 50 हजार स्थानीय भक्त भी शामिल थे.
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कांवरियों पर नियंत्रण में प्रशासन के छूटे पसीने
मुजफ्फरपुर : तीसरी सोमवारी पर कांवरियों को संभालने में प्रशासन फिर चूक गया. कांवरियों को नियंत्रित करने के लिए टावर चौक से जोगियामठ के बीच पुलिस को तीन बार लाठी चार्ज करना पड़ा. इससे दर्जनों कांवरियों को चोटें आयी. सैकड़ों कांवरियों का जल भी जमीन पर गिर गया. प्रशासनिक महकमे की मौजूदगी में भीड़ नियंत्रित […]
मुजफ्फरपुर : तीसरी सोमवारी पर कांवरियों को संभालने में प्रशासन फिर चूक गया. कांवरियों को नियंत्रित करने के लिए टावर चौक से जोगियामठ के बीच पुलिस को तीन बार लाठी चार्ज करना पड़ा. इससे दर्जनों कांवरियों को चोटें आयी. सैकड़ों कांवरियों का जल भी जमीन पर गिर गया. प्रशासनिक महकमे की मौजूदगी में भीड़ नियंत्रित करने का जब कोई उपाय नहीं सूझा तो एसएसबी, कमांडों व पुलिस बल ने लाठियां चटकानी शुरू की.
इससे दर्जनों कांवरियां चोटिल हो गये. नियंत्रण के लिए पुलिस बल को रात्रि ढाई बजे से लेकर सुबह साढ़े पांच तक तीन बार लाठियां चटकानी पड़ी. चोटिल कांवरियों को बाद में स्वयंसेवकों ने सहारा देकर मंदिर तक पहुंचाया. दूसरी सोमवारी पर हुए भगदड़ से सबक लेते हुए प्रशासन ने अपनी तरफ से कांवरियों को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किया था. लेकिन कांवरियों का आकलन नहीं कर पाने के कारण नियत्रंण में चूक रह गयी. नतीजा डीएम, एसएसपी, सिटी एसपी, एसडीओ सहित सैकड़ों पुलिस बल होते हुए भी कावंरियों को नियंत्रित नहीं किया जा सका. कावंरियों की संख्या अधिक होने के कारण कई बार भीड़ बेकाबू हुई. हालांकि प्रशासिनक महकमा व स्वंयसेवकों की मदद से नियंत्रित किया जा सका. सोमवार की सुबह आठ बजे के बाद स्थिति नियंत्रण में आयी. जलाभिषेक का सिलसिला सोमवार की शाम तक चला. इसमें करीब चार लाख लोगों ने जलाभिषेक किया.
भीड़ देख मंदिर प्रबंधन भी रहा हैरान. सावन की तीसरी सोमवारी पर शहर में जलाभिषेक का इतिहास बना. वैसे तो तीसरी सोमवारी पर हर वर्ष गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार करीब साढ़े तीन लाख कांवरियों व 50 हजार स्थानीय भक्तों ने जलाभिषेक कर नये इतिहास का शुभारंभ किया. इस बार इतने कांवरिये उमड़ेंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं था. भीड़ का आलम यह था कि गरीबनाथ मंदिर में रविवार की सुबह से ही जलाभिषेक के लिए कांविरयों की लंबी कतार लगी रही. यह सिलसिला सोमवार की शाम 5 बजे तक चला. लगातार 21 घंटों तक कांवरियों का हुजूम बाबा का जलाभिषेक करता रहा. पुजारी पं.विनय पाठक ने कहा कि कांवरियों की इतनी भीड़ पहले कभी जलाभिषेक के लिए नहीं उमड़ी थी. इस बार तो मानो सैलाब उमड़ पड़ा है. कांवरियों की सेवा कर रहे स्वयंसेवक भी कांवरियों की भीड़ देख कर हैरान थे. उनका कहना था कि इतनी भीड़ उन्होंने पहले किसी सावन में नहीं देखी थी.
कांवरियों के मार्ग बदलने से भी नियंत्रण नहीं. कांवरियों की भीड़ का देखते हुए जिला प्रशासन ने उनका मार्ग बदल कर पंकज मार्केट होते हुए अखाड़ाघाट रोड से टावर चौक तक पंक्ति लगाने की व्यवस्था की. मंदिर प्रबंधन की ओर से 677 स्वयंसेवक के अलावा रेलवे के प्रशिक्षु कर्मचारी, स्काउट गाइड के अलावा काफी संख्या पुलिस बल मौजूद थे. लेकिन कांवरियों की बढ़ती भीड़ उनके नियंत्रण से बाहर हो गयी.
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