मुजफ्फरपुर: पांंचवीं पास साजिद हथियाराें का शौकीन है. अपने शौक को पूरा करने के लिए बीते दिनों में वह हथियार तस्करी में हाथ आजमाने लगा था. वह मुंगेर जिला के कासिम बाजार से हथियार खरीदकर शहर लाता था और यहां दुगुने दाम पर बेच देता था. इस धंधे में साजिद की पत्नी भी बराबर की हिस्सेदार थी. हथियार बेचने के बाद जो भी पैसे मिलते थे, उसको पत्नी व साले के अकाउंट में डाल देता था. साजिद ने बुधवार को जेल जाने से पूर्व सब इंस्पेक्टर धनंजय शर्मा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए ये बातें कहीं. देर शाम उसे जेल भेज दिया गया.
मासूम साजिद बना शातिर लुटेरा :
मझौलिया निवासी मो. चांद का पुत्र मो. साजिद उर्फ साजिद आलम बचपन में परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हाेने के कारण पांचवीं तक ही पढ़ाई कर पाया. फिर अपने भाई मकसूद आलम के गैरेज में नौकरी कर ली. धीरे- धीरे उसकी दोस्ती मझौलिया निवासी मो जावेद उर्फ चौआ, मो महमूद उर्फ ननकी, नसीम उर्फ ननकी, मो जमी और मो बौधा से हो गयी. उसके बाद सभी एक गिरोह बनाकर दिन में बंद घरों की रेकी करते थे और रात में उस घर में चोरी करते थे. कुछ ही समय में वह अपराध की दुनिया में डूब गया. फिर बाइक लूट, कैश लूट, डकैती, चोरी, छिनतई की दुनिया में स्थापित हो गया.
शादी के बाद हथियार तस्करी की ओर बढ़ा :
बाइक लुटेरा साजिद की शादी अफसाना खातून से चार वर्ष पूर्व हुई थी. शादी के बाद उसके परिवार का खर्च बढ़ गया, लेकिन आय का स्रोत सीमित था. फिर ज्यादा पैसे कमाने की लालच में वह हथियार तस्करी में हाथ आजमाने लगा. मुंगेर जिला के कासिम बाजार से हथियार खरीद कर शहर में दुगुने दाम पर बेचने लगा़
धर्मशाला चौक व फरदोगोला चौक पर बेचता था चोरी का सामान :
साजिद ने अपने बयान में बताया कि उसके गिरोह के सदस्य चोरी के सामान को धर्मशाला चौक निवासी नवल सोनार व फरदो गोला चौक निवासी विजय सोनार के यहां बेचते हैं. सदर पुलिस दोनों आभूषण कारोबारी की गिरफ्तारी काे छापेमारी कर रही है.