मुजफ्फरपुर: आर्म्स एक्ट के अभियुक्त के जेल में बंद होने के दौरान रिमांड नहीं करने पर एसएसपी सौरभ कुमार ने पारू थाने में तैनात जमादार गौरी शंकर शर्मा को निलंबित कर दिया है. जमादार की लापरवाही से एक अभियुक्त का जमानत भी हो गया. एसएसपी ने जमादार को निलंबित करते हुए थानाध्यक्ष सुजीत चौधरी को फौरन प्रोडक्शन का आवेदन देने को कहा है.
गुरुवार को एसएसपी के जनता दरबार में पारू थाना क्षेत्र के कोदरिया निवासी संतोष कुमार ने शिकायत दर्ज करायी कि एक अप्रैल 2013 को उन पर जानलेवा हमला किया गया था. महमदपुर निवासी जिया लाल राय व संजीव राय ने उस पर पिस्तौल से फायर भी किया था. थाना में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जमादार गौरी शंकर शर्मा को अनुसंधानक बनाया गया. घटना के सात माह बाद भी आइओ ने दोनों अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया. उन्हें लगातार धमकी मिलती रही. इसी बीच दो माह पूर्व उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी कर अवैध शराब का कारोबार करते आर्म्स एक्ट के दोनों अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
जेल जाने के बाद जमादार ने लापरवाही बरतते हुए दोनों अभियुक्तों को आर्म्स एक्ट के मामले में रिमांड नहीं किया. इससे एक अभियुक्त जिया लाल राय जमानत पर रिहा हो गया. बाहर निकलने पर संतोष को धमकी मिलने लगी. उसने एसएसपी को आवेदन देकर जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगायी. एसएसपी ने तत्काल जमादार को निलंबित करते हुए जेल में बंद संजीव के खिलाफ प्रोडक्शन का थानाध्यक्ष को कोर्ट में जमा करने को कहा है.
इधर, जमादार चार माह से थाने से फरार है. छानबीन में पता चला कि गौरी शंकर शर्मा एक साल से अधिक समय से पारू में तैनात है. उनके पास मालखाना का भी प्रभार है. चार माह पूर्व वे सिक बोल कर छुट्टी पर चले गये थे. अवधि समाप्त होने के बाद भी वे डयूटी पर नहीं लौटे. उनके पटना स्थित आवास से संपर्क करने पर पता चला कि उनके हार्ट का ऑपरेशन हुआ है. वही काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र से विजेता शर्मा भी अपने पति संतोष पासवान की शिकायत करने पहुंची. उसका कहना था कि पति से संबंध असामान्य होने पर उसे एससी/एसटी केस में फंसा दिया गया है. संतोष अब उसके बहन को भी परेशान कर रहा है. एसएसपी ने इस मामले में जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.