मुजफ्फरपुर : बोचहां के तत्कालीन बीडीओ आशुतोष कुमार वर्मा से रंगदारी मांगे जाने के मामले में पुलिस छह साल बाद भी खाली हाथ है. पुलिस ने इस मामले में गोपालपुर गोपाल गांव के दीपक कुमार महतों को दोषी मानते हुए उन्हें जेल भेजा था.
लेकिन बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर जब वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने इस मामले की जांच की तो उसे निर्दोष बताते हुए दोष मुक्त कर दिया. जांच में पुलिस ने उक्त गांव के ही एक टेलीफोन बुथ संचालक अजय कुमार महतों को अभियुक्त बनाया. फिर बाद में उसे भी निर्दोष बताते हुए केस को बंद कर दिया है.
बाेचहां के तत्कालीन बीडीओ आशुतोष कुमार वर्मा से अज्ञात व्यक्ति ने 9199490848 की मोबाइल से रंगदारी की मांग की थी. पुलिस ने जब जांच किया तो उक्त नंबर का सिम लेने के लिए गोपालपुर गोपाल निवासी दीपक कुमार महतो के ड्राइविंग लाईंसेंस का प्रयोग किया गया था. इसके बाद पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
उसपर आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया. बाद में जब दीपक ने न्याय के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने की. जांच के बाद एसएसपी ने दीपक को निर्दोष बताते हुए इस कांड के उद्भेदन का निर्देश अनुसंधानक को दिया.
अप्राथमिकी अभियुक्त भी पाये गये निर्दोष . इसके बाद कांड के अनुसंधानक ने सिम विक्रेता अजय कुमार महतों को ही इस कांड का अभियुक्त करार दे दिया. लेकिन फिर जब वरीय पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की समीक्षा की तो उन्हें उसके विरुद्ध भी इससे संबंधित कोई प्रमाण नहीं मिला. एसएसपी ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में कहा है कि अप्राथमिकी अभियुक्त अजय कुमार महतो के विरुद्ध डीएसपी पूर्वी व अनुसंधानकर्ता ने कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है. उससे बीडीओं आशुतोष कुमार वर्मा को कोई रंजीश या दुश्मनी भी नहीं थी. इसलिए उसके द्वारा
उनसे रंगदारी मांगने की बात सत्य नहीं प्रतीत होती. एसएसपी ने समीक्षा के क्रम में अजय कुमार महतों को भी निर्दोष बताया.