स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रमंडलीय कार्यशाला आयोजित
प्रशिक्षकों ने आयुष को बताया एइएस के इलाज का तरीका
मुजफ्फरपुर : एइएस से बचाव व इलाज के लिए पिछले दो दिनों से चल रहे कार्यशाला में गुरुवार को आयुष चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया. क्लब रोड स्थित होटल पार्क में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन स्वास्थ्य सेवाएं के प्रमंडलीय उपनिदेशक डॉ विजय कुमार सिन्हा ने किया.
उन्होंने कहा कि एइएस से बचाव के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है. साथ ही चिकित्सकों को इलाज का तरीका भी आना चाहिए. मुख्यालय की ओर से इसके लिए एसओपी बनायी गयी है. जिसमें इलाज के तरीकों को बताया गया है. आप सभी इलाज के तरीकों को जान कर बच्चों को निर्धारित निर्देशों के तहत इलाज करें.
इस मौके पर प्रशिक्षकों ने बताया कि चमकी व तेज बुखार से पीड़ित बच्चा आता है तो उसे कैसे इलाज करना है. उसे कौन-कौन सी दवाएं देनी है. उन्होंने सभी चिकित्सकों को अावश्यक दवाओं को रखने का निर्देश दिया. कार्यशाला में सीतामढ़ी के मलेरिया पदाधिकारी डॉ आरबी यादव, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सतीश
कुमार, पाथ के डॉ एसएम हसन व यूनिसेफ के डॉ विकास डॉक्टरों को प्रशिक्षण दे रहे थे. कार्यशाला में उत्तर बिहार के सभी जिलों के विभिन्न पीएचसी से एक-एक आयुष मौजूद थे. इस मौके पर आरपीएम प्रशांत कुमार, क्षेत्रीय मूल्यांकन व अनुश्रवण अधिकारी खतीबुर्रहमान, लेखाधिकारी सुधीर कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे.
प्रशिक्षकों ने कहा कि चमकी व बुखार से आने वाले सीरियस बच्चों को प्राथमिक उपचार के
बाद जिला अस्पताल या एसकेएमसीएच में रेफर कर दे. इससे बच्चों की जान बचेगी. प्रशिक्षकों ने कहा कि पीएचसी स्तर पर लोगों को यह जानकारी भी दी जानी चाहिए कि 102 व 104 पर कॉल कर फ्री एंबुलेंस की सुविधा है. यदि कोई बच्चा इस तरह के लक्षणों से पीड़ित हो तो तत्काल एंबुलेंस से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाना चाहिए.
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