पैंफलेट के वितरण से लेकर जागरूकता पोस्टर लगाने तक का काम नहीं हुआ है. जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को पता ही नहीं है कि बीमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेवारी उनकी है. बावजूद स्वास्थ्य विभाग के कार्याें पर नेशनल टीम ने संतुष्टि जतायी.
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नेशनल टीम ने सराहा, डीडीसी ने मांगा स्पष्टीकरण
मुजफ्फरपुर: इंसोफ्लोपैथी से बचाव व इलाज की तैयारी पर जिला स्वास्थ्य विभाग को नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ने क्लीन चिट दे दी है. इकाई के एडिशन निदेशक डॉ अरुणा जैन ने विभिन्न प्रखंडों का दौरा कर पीएचसी में इलाज की तैयारी व गांवों में जागरूकता का जायजा लिया. उन्होंने बीमारी से बचाव के लिए […]
मुजफ्फरपुर: इंसोफ्लोपैथी से बचाव व इलाज की तैयारी पर जिला स्वास्थ्य विभाग को नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ने क्लीन चिट दे दी है. इकाई के एडिशन निदेशक डॉ अरुणा जैन ने विभिन्न प्रखंडों का दौरा कर पीएचसी में इलाज की तैयारी व गांवों में जागरूकता का जायजा लिया. उन्होंने बीमारी से बचाव के लिए किये गये कार्यों पर संतोष जताया. जबकि, आलम यह है कि प्रखंडों में अभी तक जागरूकता कार्यक्रम ठीक से चला ही नहीं.
तैयारी नहीं होने पर जिला प्रशासन ने जतायी आपत्ति
जिले में इंसोफ्लोपैथी से बचाव की तैयारी नहीं होने पर जिला प्रशासन ने कड़ी आपत्ति जतायी है. डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा ने इसके लिए सिविल सर्जन व जिला आपूर्ति पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है. करीब एक महीना पहले दोनों विभागों को पैंफलेट वितरण, होर्डिंग व पोस्टर लगाने, जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन बीमारी शुरू होने का संभावित समय आने के बाद तक गांवों में जागरूकता कार्यक्रम पूरी तरह सफल नहीं हो पाया. पिछले वर्ष प्रभावित रहे क्षेत्रों में बच्चों की मॉनीटरिंग नहीं हो सकी. उनकी जांच के लिए चलंत चिकित्सा टीम ने क्षेत्र का भ्रमण नहीं किया.
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