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पीएचइडी विभाग में 292 लाख की गड़बड़ी

मुजफ्फरपुर:लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. करीब 292 लाख की गड़बड़ी 2014-15 में की गयी. इसका खुलासा सीएजी रिपोर्ट में हुआ है, जिसकी जांच में मनोज कुमार झा, राजीव रंजन, मृत्युंजय व दिलीप कुमार जैसे अधिकारी शामिल थे. सीएजी के चारों अधिकारियों ने 18 से 28 अगस्त […]

मुजफ्फरपुर:लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. करीब 292 लाख की गड़बड़ी 2014-15 में की गयी. इसका खुलासा सीएजी रिपोर्ट में हुआ है, जिसकी जांच में मनोज कुमार झा, राजीव रंजन, मृत्युंजय व दिलीप कुमार जैसे अधिकारी शामिल थे. सीएजी के चारों अधिकारियों ने 18 से 28 अगस्त 2015 तक विभाग के कागजातों की जांच की. कई स्थलों का जांच की. जिसमें दो दर्जन से अधिक योजनाओं में बड़े पैमाने पर राशि की गड़बड़ी का मामला सामने आया.
पीएचइडी विभाग में वर्षो से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किए जाने का मामला उठता रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता अमति मंडल ने इस संबंध में महालेखाकार से रिपोर्ट मांगी थी. उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार का निर्माण, मिनी जलापूर्ति योजना, सोलर ऊर्जा के तहत अनुसूचित जनजाति इलाकों में सोलर ऊर्जा संचालित मिनी जलापूर्ति योजना हो या फिर स्वच्छता अभियान की योजना हो सभी में गड़बड़ी की बात सामने आयी हैं. संवेदकों को गलत तरीके से उन्हें लाभ पहुंचाकर पैसे का गबन बड़े पैमाने पर किया गया हैं.विभाग ने सबसे पहले बरियारपुर कंध में 2.63 करोड़ की राशि से ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू हुई. इसमें 43 लाख रु पये की गड़बड़ी किए जाने की बात रिपोर्ट में बतायी गयी. जलमीनार निर्माण में संवेदक को 5.14 लाख अधिक भुगतान किए जाने का मामला जांच में पाया गया. इसी तरह जलमीनार निर्माण में 4.34 लाख, पाइप बिछाने में 17.51 लाख का अधिक का भुगतान संवेदक को किया गया.
उत्पाद शुल्क के रिफंड में भी 14.51 लाख की राजस्व क्षति सरकार को पहुंचायी गयी. समय पर काम नहीं करने के बदले दो लाख का भुगतान कर संवेदक को लाभ पहुंचाया गया. विभाग ने साहेबगंज के रामपुर असली में 2.67 करोड़ की राशि से ग्रामीण जलापूर्ति योजना की शुरु आत की गयी. इसमें करीब 87 लाख रु पये की गड़बड़ी की गयी. जांच के क्र म में 52 लाख रु पये का अनियमित भुगतान पाइप वितरण में किया गया. इसके अलावा 19 लाख रु पये संवेदक को अधिक भुगतान कर दिया गया व उत्पाद शुल्क में 15.50 लाख राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया.
मिनी जलापूर्ति योजना के तहत 1.60 करोड़ से मिनी पाइप जलापूर्ति योजना शुरू किया गया. इसमें गायघाट के पिरौछा व मीनापुर के नेउरा में योजना शुरू किया गया. जिसमें करीब 48 लाख रु पये गड़बड़ी किए जाने का मामला सीएजी रिपोर्ट में दर्शाया गया है. अधूरे कार्य में 18.64 लाख का भुगतान किया गया. वही संवेदक को एक लाख 15 हजार का अधिक भुगतान कर दिया गया. मोबालाइजेशन व अिग्रम ब्याज की वसूली न कर 3.96 हजार रु पये विभाग को नुकसान पहुंचाया गया. कार्यों की वास्तविक मापी दर्ज न कर 25.63 लाख का अनियमति भुगतान कर दिया गया.
सकरा के दोबहा में 2.10 करोड़ की राशि से ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू किया गया. 32 लाख 24 हजार का अनियमति भुगतान किया गया. जिसमें 23 लाख 28 हजार संवेदक को अधिक भुगतान किया गया व उत्पाद मद में आठ लाख 96 हजार के राजस्व की क्षति विभाग को पहुंचाया गया.
अनुसूचित जाति जनजाति क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा संचालित मिनी जलापूर्ति योजना के तहत 3.20 करोड़ की राशि से योजना मीनापुर व सरैया में शुरू हुआ. जिसमें 22.39 लाख का हेरा-फेरी की बात कही गयी है. सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि विस्तृत मापी दर्ज न कर संवेदक को 9.30 लाख का अनियमति भुगतान किया गया. अग्रिम मद में कम कटौती कर संवेदक को 28 हजार का लाभ पहुंचाया गया. साथ ही संवेदक को अदेय वित्तीय लाभ 9.59 लाख पहुंचाया गया. सेवा मद में 3.22 लाख अनियमति भुगतान किया गया. 24124 जल स्रोत के गुणवत्ता जांच में संवेदक को 5.66 लाख लाभ पहुंचाया गया. इसी तरह लेबर सेस मद में कटौती की गई 49.44 लाख राशि विभाग में जमा नहीं किया गया. संपूर्ण स्वच्छता अभियान में नियमों की धिज्जयां उड़ाई गई. शौचालय के लक्ष्य को पूरा न कर उसमें 3.15 लाख का गड़बड़ी किया गया.

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