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मान्यता खत्म, फिर भी चल रहे निजी स्कूल
मुजफ्फरपुर : जिले में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी की हद हाे गयी है. मान्यता खत्म होने के बावजूद विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है. डीएम के निर्देश पर जांच के बाद मामला सामने आने लगा है. विभाग के अनुसार जिले में 138 स्कूलों को बिहार सरकार से वर्ग एक से आठ तक की मान्यता […]
मुजफ्फरपुर : जिले में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी की हद हाे गयी है. मान्यता खत्म होने के बावजूद विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है. डीएम के निर्देश पर जांच के बाद मामला सामने आने लगा है. विभाग के अनुसार जिले में 138 स्कूलों को बिहार सरकार से वर्ग एक से आठ तक की मान्यता मिली है.
सत्र 2011-12 व 12-13 में 73 स्कूलों को प्रस्वीकृति दी गयी थी. तीन साल की अवधि पूरी होने के बाद केवल आधा दर्जन स्कूलों ने ही नवीनीकरण कराया, जबकि बाकी ने कोई रुचि नहीं दिखायी. अभी तक हुई जांच में कई स्कूल तो बिना मान्यता के ही संचालित होते मिले. जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि इसकी रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी. इसके बाद संबंधित स्कूलों को नोटिस भेजी जाएगी. सीबीएसइ केवल नौवीं से 12वीं तक की मान्यता देता है. वर्ग एक से आठ तक की मान्यता बिहार सरकार से लेनी होती है. इसी में स्कूल संचालक मनमानी करते हैं.
दर्जनों स्कूल मानक पर भी खरे नहीं
जिले में शहर से लेकर गांव तक गली-मोहल्लों में निजी स्कूलों का जाल बिछा हुआ है, लेकिन हैरान करने वाली बात है कि शिक्षा विभाग की ओर से केवल 138 स्कूल ही पंजीकृत है. अगर सरकारी आंकड़े पर ही भरोसा करें तो 300 से अधिक स्कूल अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं. ये स्कूल सीबीएसइ से एफीलिएटेड बताकर शिक्षा का धंधा कर रहे हैं. काफी प्रयास के बाद शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में कुल 536 स्कूलों का नाम आया है, जिसमें करीब डेढ़ स्कूलों का ही पंजीकरण हुआ है. विभाग ने करीब ढाइ सौ स्कूलों की फाइल पिछले साल ही वापस कर दी, क्योंकि वे निर्धारित मानक पूरा नहीं करते थे. इसके बाद भी उन स्कूलों का संचालन हो रहा है.
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