मुजफ्फरपुर: वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की गयी. शहर के मां बंगलामुखी मंदिर, देवी मंदिर, दुर्गास्थान मंदिर व पुलिस लाइन स्थित देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में मां दुर्गा के तीसरे रूप की उपासना की गयी. पुरोहितों ने सुबह में दुर्गा सप्तशती का पाठ कर मां दुर्गा की उपासना की. घरों में भी लाेगों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया. शाम में आरती के बाद भक्तों ने फलाहार किया.
आचार्य रंजीत नारायण तिवारी ने कहा कि चंद्रघंटा रूप में मां के दस हाथ हैं, जिनमें इन्होंने शंख, कमल, धनुष-बाण, तलवार, कमंडल, त्रिशूल, गदा आदि शस्त्र धारण किया हुआ है. साथ ही गले में सफेद फूलों की माला है. मां चंद्रघंटा को मंगलदायनी कहा जाता है. यह अपने भक्तों को निरोग रखकर उन्हें वैभव तथा ऐश्वर्य प्रदान करती हैं. माता के घंटो मे अपूर्व शीतलता का वास होता है. सिंह पर सवार मां चंद्रघंटा का रूप युद्ध के लिए उद्धत दिखता है व उनके घंटे की प्रचंड ध्वनि से असुर और राक्षस भयभीत करते हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को चौथी व पंचमी दोनों है. इस दिन मां के कुष्मांडा व स्कंदमाता रूप की पूजा की जायेगी.