मुजफ्फरपुर: खनन निरीक्षक वीरेंद्र यादव के शेखपुरा के खनन माफियाओं से भी सांठगांठ सामने आया है. छापेमारी के दौरान इस बात के सबूत आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों को हाथ लगे हैं. बताया जाता है कि शेखपुरा में तैनाती के दौरान ही वीरेंद्र यादव ने करोड़ों की संपत्ति अजिर्त कर ली थी. शेखपुरा के खनन माफिया व एक पार्टी जिला प्रवक्ता के साथ वीरेंद्र यादव गिट्टी के कारोबार में भी लाखों रुपये निवेश कर रखा था. यहीं नहीं, उसी माफिया के सहयोग से वीरेंद्र ने अपने रिश्तेदारों के नाम से भी गिट्टी के कारोबार में पैसा लगा रखा है. उसने अपनी पत्नी वीणा देवी के नाम से कटेसर में गैस एजेंसी ले रखी है.
सिंडिकेट बैंक के भगवानपुर शाखा में पत्नी के नाम से दो लाख 45 हजार रुपये व अघोरिया बाजार स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के खाते में आठ लाख रुपये जमा होने का पता चला है. वहीं वीरेंद्र यादव का एक एकाउंट सिंडिकेट बैंक में भी था, जिसमें मात्र 28 सौ रुपये हैं. पूछताछ में पता चला कि उस एकाउंट का एटीएम उनकी देहरादून में पढ़ने वाली बेटी के पास है. उनके घर से 350 ग्राम आभूषण भी बरामद किया गया है.
स्कूटी का किमी तक नोट
छापेमारी के दौरान खनन निरीक्षक के घर से एक स्कूटी बरामद की गयी है. टीम के सदस्यों ने स्कूटी का किमी तक नोट कर पटना ले गये है. उनका कहना था कि करीब 15 लाख रुपये से अधिक का निरीक्षण व उसके परिजनों के एलआइसी के कागजात मिले है. जिसकी जांच की जा रही है. यहीं नहीं, जमीन के भी कई कागजात मिले है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
पड़ोसी रह गये दंग
खनन निरीक्षण के पड़ोसी शुक्रवार की सुबह पुलिस को देख चौंक गये. जब उन्हें छापेमारी की जानकारी हुई, तो घर के आसपास दर्जनों लोग कानाफूसी में लगे थे. आर्थिक अपराध की टीम ने दो पड़ोसियों को बुला कर जब्ती सूची पर हस्ताक्षर कराया. उनका कहना था कि उनलोगों को भी पता नहीं था कि इंस्पेक्टर साहब करोड़पति है. उनके घर से करोड़ों की संपत्ति का पता चला है.