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फर्जी एमबीबीएस छात्र पर प्राथमिकी दर्ज

बीसीइसीइ की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई मुजफ्फरपुर : एसकेएमसी के 2011-12 बैंच के छात्र शिवम वीर प्रकाश पर बीसीइसीइ परीक्षा में स्कॉलर बैठा कर पास होने के मामले में अहियापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है. विभाग ने प्राचार्य डॉ विकास कुमार को प्राथमिकी ने थाने में प्राथमिकी करायी है. डॉ विकास कुमार ने […]

बीसीइसीइ की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसी के 2011-12 बैंच के छात्र शिवम वीर प्रकाश पर बीसीइसीइ परीक्षा में स्कॉलर बैठा कर पास होने के मामले में अहियापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है. विभाग ने प्राचार्य डॉ विकास कुमार को प्राथमिकी ने थाने में प्राथमिकी करायी है. डॉ विकास कुमार ने फरवरी में आयी एफएसएल रिपोर्ट में उसे दोषी पाया गया था. इसके बाद यह कार्रवाई हुई है. उसके उत्तर पत्रकों की लिखावट में अंतर पाये जाने के बाद यह कार्रवाई हुई है. वह अररिया जिले के फारबिस गंज थाने के प्रोफेसर कॉलोनी वार्ड नंबर 25 निवासी नागेश्वर प्रसाद मंडल का पुत्र है.
बीसीइसीइ बोर्ड ने छात्र का एफएलएस जांच कराया गया था. जिसमें परीक्षा के समय लिखावट के नमूना को जांच के समय लिए गए नमूने से मिलान किया गया. काउंसेलिंग टीम ने लिखावट नहीं मिलने पर अपनी टिप्पणी भी दी थी. बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक सुधीर कुमार की जांच रिपोर्ट में शिवम वीर प्रकाश के स्पष्टीकारण को एकदम भ्रामक व तथ्यहीन बताया गया है. जांच में परीक्षा के दौरान कदाचार, धोखाधड़ी व साक्ष्य बदल कर कार्य करने दोषी पाया गया है.
शिवम वीर प्रकाश रौल नंबर- 202328 पीसीबी परीक्षा के मेरिट लिस्ट इबीसी-58 परीक्षा के समय उपलब्ध नहीं था. विभाग ने इसे गंभीर नैतिक अपराध माना है. कहा है, ऐसा कर उसने एक मेधावी छात्र के प्रवेश का अवसर समाप्त कर दिया है. इसलिए वे उम्मीदवारी रद होने के साथ गंभीर सजा के भी पात्र हैं.
उसकी जगह पर दूसरे छात्र ने परीक्षा दी थी. प्रारंभिक जांच में संदेह होने पर विभाग ने अप्रैल 2015 में छात्र को पक्ष रखवाने के लिए कॉलेज प्राचार्य को आदेश दिया था. छात्र ने बताया था कि वह अंतिम वर्ष का छात्र है. अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होने की गुहार लगायी थी.
मालूम हो कि वर्ष 2011-12 की परीक्षा में फर्जीवाड़ा की चर्चा होने पर कॉलेज से कई छात्र पढ़ाई छोड़ कर निकल गये थे. उसी दौरान छात्र मिथिलेश को भी दोषी पाया गया था. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

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