10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बूढ़ी गंडक से सटे इलाके में आर्सेनिक का खतरा

मुजफ्फरपुर : बूढ़ी गंडक नदी से सटे क्षेत्र के पानी में आर्सेनिक की संभावना को देखते हुए पीएचइडी विभाग ने अलग-अलग बस्ती से 300 सैंपल जांच के लिए एमआइटी स्थित लेबरोटरी में भेजा है. यह सभी नमूने मुशहरी व कांटी अंचल के गांव से लिये गये है. विभाग के अनुसार पहली बार एक साथ इतना […]

मुजफ्फरपुर : बूढ़ी गंडक नदी से सटे क्षेत्र के पानी में आर्सेनिक की संभावना को देखते हुए पीएचइडी विभाग ने अलग-अलग बस्ती से 300 सैंपल जांच के लिए एमआइटी स्थित लेबरोटरी में भेजा है. यह सभी नमूने मुशहरी व कांटी अंचल के गांव से लिये गये है. विभाग के अनुसार पहली बार एक साथ इतना नमूना लिया गया है. कुछ दिन पूर्व हुए पानी के जांच में एक नमूने में आर्सेनिक मिला था. पानी में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए आर्सेनिक जांच कराया जा रहा है.
हालांकि जांच के बाद ही पता चलेगा कि पानी में आर्सेनिक का लेबल कितना है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पानी में 0.5 एमजी प्रति लीटर से अधिक आर्सेनिक नुकसानदेह है. ऐसे दूषित पानी के पीने से ही नहीं, स्नान करने से भी चर्म रोग की बीमारी हो सकती है. इसके अलावा आर्सेनिक की मात्रा पानी में होने से कैंसर के अलावा गॉल ब्लाडर, लीवर व यूट्रस से संबंधी बीमारी का खतरा रहता है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता सुधेश्वर प्रयादव ने बताया कि अब तक आर्सेनिक का डेंजर जोन नही पाया गया है. बूढ़ी गंडक नदी में प्रदूषण को देखते हुए एहतियात के तौर पर पानी के जांच के लिए भेजा गया है. सैंपल के रिपोर्ट आने के बाद विभाग आवश्यक कार्रवाई करेगा.
कम लेयर के चापाकल के पानी में आयरन की मात्रा मानक मानक से तिगुणा हो गया है. हाल के रिपोर्ट के अनुसार पानी में प्रति लीटर आयरन की मात्रा 0.3 एमजी है, जबकि मानक के अनुसार इसकी मात्रा 0.1 एमजी प्रति लीटर पहुंच गया है. अधिक आयरन वाला पानी भले ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन इससे बर्तन व कपड़ा पीला होता है. यही नहीं कई ऐसे मेटल है, जिससे आयरन का रिएक्शन होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें