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कवायद: कालाजार उन्मूलन पर डीएम ने की जिला टास्क फोर्स की बैठक, उत्तर बिहार में 50 फीसदी मरीज

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर को कालाजार के लिए विश्व में सबसे संवेदनशील माना जाता है. यहां 1974 में पारू, सरैया व वैशाली के सीमावर्ती इलाको से कालाजार बीमारी की शुरुआत हुई थी. भारत के 50 प्रतिशत कालाजार के मरीज बिहार में पाये जाते हैं. खासकर उत्तर बिहार में सबसे अधिक मरीज पाये जाते हैं. उक्त बातें कालाजार […]

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर को कालाजार के लिए विश्व में सबसे संवेदनशील माना जाता है. यहां 1974 में पारू, सरैया व वैशाली के सीमावर्ती इलाको से कालाजार बीमारी की शुरुआत हुई थी.
भारत के 50 प्रतिशत कालाजार के मरीज बिहार में पाये जाते हैं. खासकर उत्तर बिहार में सबसे अधिक मरीज पाये जाते हैं. उक्त बातें कालाजार अनुभवी चिकित्सक डॉ टीके झा ने बुधवार को समाहरणालय सभाकक्ष में डीएम धर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कालाजार उन्मूलन को लेकर आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में कहीं.
कालाजार व एचआइवी के मरीज होंगे चिह्नित
डॉ टीके झा ने कहा कि जिन गांव में डीडीटी का छिड़काव कराया गया, वहां पुन: कालाजार के मरीज मिले या नहीं, इसका सर्वेक्षण कराना होगा. बैठक में कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी सह जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया अब कालाजार उन्मूलन हेतु आइआरएस अभियान में सिंथेटिक पाराथ्योराइड का छिड़काव कराया जा रहा है. इससे दीवार पर दाग नहीं होते हैं.
यह छिड़काव कंप्रेशर पंप के माध्यम से किया जा रहा है. बैठक में डॉ टीके झा ने चर्म कालाजार पीकेडीएल की पहचान का सुझाव दिया. साथ ही जिनमें कालाजार के साथ एचआइवी पाया जाये, उसे चिह्नित करने का सुझाव दिया. कहा, यह काफी खतरनाक हाेता है.
694 आशा को प्रशिक्षण
जिला मलेरिया पदाधिकारी से ने बताया कि इसको लेकर अभियान चलाने व मरीजों को चिह्नित करने के लिए 694 आशा को प्रशिक्षण दिया गया है. सभी प्रखंड मुख्यालय में शिविर लगाकर एक से चार मर्चा तक कालाजार मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है. इन शिविरों में वैसे मरीज जिनका बुखार हफ्ते से एंटीबाइटिक दवा लेने के बाद भी नहीं उतर रहा है, वे भी इसमें जांच करायें. इसके लिए सभी पीएचसी को विशेष कीट उपलब्ध कराया गया है.
घटी है मरीजों की संख्या
वर्ष 2010 में कालाजार के के 2573 मरीज मिले, वर्ष 2016 में यह घटकर 35 पर पहुंच गया. वर्ष 2010 में कालाजार से 22 की मृत्यु हुई थी जबकि 2016 में एक भी मृत्यु नहीं हुई. पुन: दस मार्च को कालाजार उन्मूलन को लेकर आइआरएस कार्यक्रम चलाया जायेगा.
813 प्रभावित गांवों में होगा दवा का छिड़काव
डीएम ने प्रखंड स्तर पर कालाजार की टास्क फोर्स की बैठक करने का निर्देश सभी पीएचसी प्रभारी को निर्देश दिया. साथ ही ग्रामीण विकास विभाग, आपूर्ति विभाग, आइसीडीएस व अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया.
ताकि छिड़काव के दौरान लोग अपने घरों में, कमरों में दवा का छिड़काव कराये. दवा का छिड़काव 813 प्रभावित गांव में किया जायेगा. आंगनबाड़ी सेविका छिड़काव से पूर्व लोगों में जा गरूकता फैलायेगी. बैठक में सीएस डॉ ललिता सिंह, एसीएमओ एमपी सिंह सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारी मौजूद थे.

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