मुजफ्फरपुर: जिले के सोलह पंचायतों के लंबित व अपूर्ण मनरेगा व इंदिरा आवास योजनाओं की 24 फरवरी से जांच होगी. डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा ने इसके लिए पंचायतवार वरीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है. जांच दल में मनरेगा के सहायक अभियंता के अलावा अन्य विभाग के अभियंताओं को शामिल किया गया है. अधिकारियों को अभिलेख की जांच व उसके सत्यापन के लिए संबंधित मजदूरों से भी बयान लेने को कहा गया है.
जांच दल कुल नौ बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट देगी. इसमें मुख्य रूप से योजना का एमवी के अनुरूप काम हुआ है या नहीं, मनरेगा के तहत जो काम हो रहे हैं, उस पर पूर्व में कोई एजेंसी तो काम नहीं करा चुकी है, अभिलेख में अंकित मास्टर रौल व योजना पर हुए खर्च में समरूपता है कि नहीं, जैसे बिंदु शामिल हैं. टीम 2011-12 से 2014-15 के वैसे मामलों की जांच करेगी, जिसकी जांच अभी तक नहीं हुई है. वहीं 2015-16 में शुरू हुई योजनाओं की भी जांच की जिम्मेवारी उन्हें दी गयी है.
इन पंचायतों की होगी जांच
झपहां (बोचहां), जारन पूर्वी (गायघाट), उस्ती (पारू), शाइन (कांटी), बरियारपुर पूर्वी (मोतीपुर), ग्रामीण मठिया (मीनापुर), बसघट्टा (कटरा), बिशुनपुर बखरी (मुरौल), भिखनपुर (मुशहरी), मानिकपुर (सरैया), माधोपुर हजारी (साहेबगंज), किशुनपुर मधुबन (कुढ़नी), हत्था (बंदरा) व अमनौर (औराई).