मनोविज्ञान विभाग में ताला बंद देख वह काफी देर तक खड़े रहे, लेकिन जब काफी देर तक ताला नहीं खुला और न ही कोई जिम्मेवार, तो लोग हंगामा करने लगे. करीब डेढ़ घंटे बाद प्राॅक्टर डॉ सतीश कुमार राय मौके पर पहुंचे और किसी तरह शांत कराया. उनके आश्वासन पर छात्र-छात्राएं माने. तब जाकर परीक्षा शुरू हो सकी.
प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि मनोविभाग विभाग में तैनात नाइट गार्ड के पास विभाग की चाभी थी. उसने किसी से उधार पैसा ले रखा था. इसके बदले उसने एक चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था. इसकी वजह से गार्ड को देर रात पैसे दिए लोगों ने उसे बंधक बना लिया था.
इसकी वजह से मनोविज्ञान विभाग में बंद था. बगल के रास्ते किसी तरह विभाग का ताला खुलवाया गया है. इसके बाद शांति से छात्र व छात्राओं की परीक्षा शुरू कराई गई है. बताया कि इस मामले में अब तक गार्ड की तरफ से कोई आवेदन पुलिस को नहीं दिया गया है. अगर विवि का कर्मचारी संघ इस दिशा में कोई कदम उठाता है, तो कार्रवाई की जाएगी. दूसरी तरफ छात्रों का कहना था कि विवि की लापरवाही से हमें इतने देर तक रूकना पड़ा है. विवि को अगर बगल के रास्ते से ही ताला खुलवाना था, तो यह काम पहले भी हो जाता, लेकिन विवि की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.