मुजफ्फरपुर\समस्तीपुर: समस्तीपुर के काशीपुर मोहल्ला से रविवार दोपहर नक्सली संगठन माओवादी के जोनल कमांडर लालबाबू सहनी उर्फ भास्कर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश की पुलिस व एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में हुई है. पुलिस ने उसके साथ उसकी पत्नी व चार अन्य को भी हिरासत में लिया है. भास्कर के आंध्र प्रदेश में नक्सली प्रशिक्षण शिविर चलाने के खुलासे के बाद वहां की पुलिस सक्रिय हो गयी थी. पुलिस फिलहाल मामले में कुछ कहने से बच रही है. लालबाबू सहनी शिवहर के तरियानी का रहनेवाला है.
सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद जोनल कमांडर लालबाबू सहनी से बंगरा थाना में पूछताछ की गयी. इसके बाद उसे पूछताछ के लिए मुजफ्फरपुर लाया गया. यहां पुलिस लाइन में देर रात तक उससे पूछताछ की गयी. उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस उसके अन्य साथियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, मोबाइल सर्विलांस के आधार पर रविवार की दोपहर शहर के काशीपुर मोहल्ला स्थित एक घर में एसटीएफ व बंगरा पुलिस ने दबिश दी. इस दौरान पुलिस ने लालबाबू सहनी को गिरफ्तार कर लिया. जोनल कमांडर की गिरफ्तारी को पुिलस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. पुलिस के आला अधिकारी इस बात को लेकर सशंकित हैं कि कैसे लालबाबू सहनी शहर के बीचो-बीच इतने आराम से रहा था.
गिरफ्तार लालबाबू सहनी की शिवहर जिले की कई नक्सली वारदातों में संलिप्तता रही है. तरियानी थाना क्षेत्र के विसंबरपुर के पुल िनर्माण कंपनी के लेबर शेड व गोदाम वगैरह फूंकने के मामले में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. इसके अलावा नक्सली बंदी के दौरान खोठा बेलनिया गांव में दो बसों को फूंकने के मामले में तरियानी थाना में मामला दर्ज िकया गया है. डीएसपी ने बताया मामले की जानकारी ली जा रही है.
भास्कर के नाम से है प्रसिद्ध
लालाबाबू को भास्कर के नाम से भी जाना जाता है. वो िबहार के साथ आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, झाड़खंड व छत्तीसगढ़ तक नक्सली गतिविधियों में शािमल रहता था. बताते हैं िक उसकी िगरफ्तारी में आंध्र पुिलस भी शािमल रही है. गिरफ्तारी के बाद उसे मुजफ्फरपुर लाया गया. यहां मुजफ्फरपुर एएसपी अभियान राणा ब्रजेश, सीतामढ़ी एएसपी अभियान संजीव कुमार के अलावा कई खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने उससे पूछताछ की. उत्तर बिहार में नक्सली गतिविधियों की कमान भास्कर के ही हाथों में है. सरकार ने पचास हजार रुपये का इनाम रखा था. उत्तर बिहार के लगभग सभी बड़ी नक्सली वारदातों में भास्कर शामिल था.