वे काम करने के बजाये रुपये लेते हैं. यहां सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही काम करेंगे, जबकि कौशल किशोर सिंह का कहना था कि यहां ड्रेसर के पद पर मात्र एक कर्मचारी कार्यरत है. ऐसी स्थिति में जब तक ये लड़के नहीं रहेंगे तब तक मरीजों का इलाज संभव नहीं है. करीब दो घंटे तक चली बहस के दौरान कई कर्मचारी एक-दूसरे के समर्थन में आ गये. हालांकि, कुछ कर्मचारियों ने मामला शांत कराया. जानकारी हो कि इमरजेंसी में तैनात राजू प्रसाद ने संघ को ज्ञापन देकर कर्मचारी गजेंद्र सिंह पर इन लड़कों को शह देने का आरोप लगाया था.
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इमरजेंसी में बाहरी लोगों के काम करने के सवाल पर भिड़े कर्मचारी
मुजफ्फरपुर: इमरजेंसी में ट्रेनिंग किये ड्रेसरों को काम करने के सवाल पर गुरुवार को बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के तृतीय श्रेणी के सचिव कौशल किशोर सिंह व चतुर्थ श्रेणी के सचिव विपिन बिहारी सिंह आपस में भिड़ पड़े. विपिन बिहारी का कहना था कि बाहर के लड़के किसी भी कीमत पर यहां […]
मुजफ्फरपुर: इमरजेंसी में ट्रेनिंग किये ड्रेसरों को काम करने के सवाल पर गुरुवार को बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के तृतीय श्रेणी के सचिव कौशल किशोर सिंह व चतुर्थ श्रेणी के सचिव विपिन बिहारी सिंह आपस में भिड़ पड़े. विपिन बिहारी का कहना था कि बाहर के लड़के किसी भी कीमत पर यहां काम नहीं करेंगे.
मामले की जांच कर रहे हैं. अनाधिकृत रूप से किसी को भी यहां काम करने का अधिकार नहीं है. इमरजेंसी में सिर्फ यहां के स्टाफ ही रहेंगे. बाहर के लोगों को यहां काम करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्हें मरीजों से रुपये लेने का भी कोई अधिकार नहीं है.
डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन
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