7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

133 भवनों के नर्मिाण में फंसा 8.5 करोड़ का हिसाब

133 भवनों के निर्माण में फंसा 8.5 करोड़ का हिसाब – वित्तीय वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक का मामला – दर्जनों प्रधानाध्यापकों ने पैसा उठा कर भवन नहीं बनवाया – कई भवनों में अवमुक्त धनराशि से कम ही खर्च किया संवाददाता, मुजफ्फरपुर सर्व शिक्षा अभियान के तहत विभाग ने जिले में स्कूलों के भवन निर्माण […]

133 भवनों के निर्माण में फंसा 8.5 करोड़ का हिसाब – वित्तीय वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक का मामला – दर्जनों प्रधानाध्यापकों ने पैसा उठा कर भवन नहीं बनवाया – कई भवनों में अवमुक्त धनराशि से कम ही खर्च किया संवाददाता, मुजफ्फरपुर सर्व शिक्षा अभियान के तहत विभाग ने जिले में स्कूलों के भवन निर्माण पर जितना खर्च किया, उसका बड़ा हिसाब प्रधानाध्यापकों व अन्य जिम्मेदार लोगों की जेब चला गया. भवनों के निर्माण में जो खेल हुआ सो अलग, कई जगह कम काम कराकर अधिक का भुगतान भी ले लिया गया है. यह बात विभाग की जांच में ही सामने आयी है. विभिन्न प्रखंडों में 133 स्कूल भवनों के निर्माण में 8.5 करोड़ रुपये का हिसाब फंसा हुआ है. विभागीय लोगों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2005-06 से लेकर 2014-15 तक स्कूलों के भवन निर्माण की पड़ताल चल रही है. जब सरकार ने विभाग को भवन निर्माण के लिए राशि देने से इनकार किया, तो छानबीन शुरू हुई. आंकड़ा सामने आने के बाद से ही अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक हैरान है. दर्जनों भवनाें के लिए राशि अवमुक्त होने के बाद भी काम नहीं कराया गया है. निर्माणाधीन या निर्मित भवनों की जांच में यह बात भी सामने आयी कि जितनी राशि विभाग से दी गयी है, उससे कम में ही काम हो गया लेकिन भवन प्रभारी ने बचे पैसे का हिसाब नहीं दिया. रिकवरी या निर्माण पूरा कराने का दबाव जांच में अनियमितता सामने आने के बाद विभाग ने संबंधित प्रधानाध्यापकों को एक मौका दिया है. डीएम की सख्ती के बाद से ही विभाग में खलबली मची है. पिछले महीने ही डीएम ने समीक्षा के दौरान अधूरे भवन के मामलों में संबंधित प्रधानाध्यापक पर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था. हालांकि विभाग ने कई प्रधानाध्यापकों को धनराशि वापस करने या फिर कार्य पूरा कराने के लिए चेतावनी दी, तो कई जगहों पर काम शुरू हो गया. विभाग का कहना है कि अब जो हिसाब नहीं देगा या काम पूरा नहीं कराएगा, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. डीएम ने दिया है 16 तक का अल्टीमेटम डीएम ने समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग को 16 जनवरी तक का समय दिया है. जिले में स्कूल भवनों की खराब स्थिति पर डीएम ने नाराजगी जताई है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत कराये गये निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए डीएम ने निर्माण कार्य पूरा कराने या निर्माण पर खर्च राशि के समायोजन का निर्दश दिया था. इसके साथ ही निर्माणाधीन भवनों के पूरा होने का समय भी पूछा है. डीएम के कड़े रुख के बाद दर्जन भर भवनों के लिए जमीन की तलाश भी शुरू हो गयी है.रिटायर हो गए हैं कई प्रधानाध्यापक विभाग के सामने सबसे बड़ी चिंता वे भवन प्रभारी बने हैं, जो सेवा निवृत्त हो चुके हैं. ऐसे कई लोग जो अपने कार्यकाल में भवन प्रभारी थे. निर्माण के लिए विभाग से पैसा लिये. कुछ काम कराए और कुछ अधूरा छोड़ दिये. सेवा निवृत्त हो गए लेकिन भवन निर्माण का हिसाब विभाग को नहीं दिया, जो अब सिरदर्द बना हुआ है. विभागीय लोगों की मानें तो कुछ लोगों का तो साल-दो साल पहले निधन भी हो चुका है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें