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दो माह पहले कटे धान, अब बन रहा सामुदायिक नर्सरी का प्लान

दो माह पहले कटे धान, अब बन रहा सामुदायिक नर्सरी का प्लानसूबे में 4.39 करोड़ रुपये निकासी व व्यय की स्वीकृति दी241 राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों में भी तैयार किये जायेंगे धान के बिचड़े5340 एकड़ में धान की नर्सरी लगाने का बनाया प्लान डीएओ बोले, नर्सरी लगाकर धान की खेती पहले हुई अब आया पैसावरीय संवाददाता, […]

दो माह पहले कटे धान, अब बन रहा सामुदायिक नर्सरी का प्लानसूबे में 4.39 करोड़ रुपये निकासी व व्यय की स्वीकृति दी241 राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों में भी तैयार किये जायेंगे धान के बिचड़े5340 एकड़ में धान की नर्सरी लगाने का बनाया प्लान डीएओ बोले, नर्सरी लगाकर धान की खेती पहले हुई अब आया पैसावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर दो माह पहले किसानों ने धान की कटनी कर गेहूं बोआई कर दी. लेकिन अब कृषि विभाग धान की खेती के लिए सामुदायिक नर्सरी तैयार कर रहा है. यह प्लान वर्ष 2015-16 में धान की खेती से जुड़ा हुआ है. कृषि विभाग ने सूबे में 4.39 करोड़ रुपये निकासी व व्यय की स्वीकृति दी है. कृषि विभाग के निदेशक (प्रशासन) प्रभु राम ने संयुक्त निदेशक शष्य के साथ-साथ सभी डीएओ, एसएओ को इस योजना को जमीन पर उतारने का निर्देश दिया है. कृषि विभाग ने पत्र में कहा है कि जिलों के प्रत्येक प्रखंडों में दस-दस एकड़ में सामुदायिक नर्सरी विकसित की जायेगी. यानी 5340 एकड़ में धान की नर्सरी लगाने का प्लान है. यह नर्सरी किसान ही नहीं 241 राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों में भी तैयार किये जायेंगे. यानी दोनों मिलाकर 5581 एकड़ में नर्सरी लगायी जायेगी. नर्सरी में बिचड़ा तैयार कर किसानों को वितरण भी किया जायेगा. नर्सरी विकास के लिए प्रति एकड़ 65 सौ रुपये इनपुट राशि दी जायेगी. यह राशि प्रमाणित धान बीज, बीज उपचार, पौधा संरक्षण और सिंचाई पर खर्च होगा. नर्सरी विकास मद की राशि बिचड़ा उत्पादक किसानों को नर्सरी स्थल के सत्यापन आधार पर आरटीजीएस के माध्यम से डीएओ भुगतान करेंगे. इस नर्सरी के प्रचार-प्रसार पर जिले में 75 सौ रुपये खर्च होंगे. एक किसान को 2.5 एकड़ में धान रोपनी के लिए बिचड़ा दिये जाने की योजना है. नर्सरी का विकास क्लस्टर में करना है. एक क्लस्टर पांच एकड़ का होगा. बिचड़ा तैयार करने वाले किसान इसका उपयोग नहीं करेंगे. नर्सरी स्थल पर पर्याप्त सिंचाई सुविधा चाहिए. सरकार के आरक्षण रोस्टर का पालन करना है. अधिकारी बोले:::::::कम्युनिटी नर्सरी का प्लान पहले का है. विभाग ने योजना पहले भेजी थी, उसके आधार पर खेती हुई है. राशि उपलब्ध करायी जा रही है. राशि सभी प्रखंडों को दी जायेगी. ताकि आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जा सके. सुधीर कुमार, डीएओ मुजफ्फरपुर

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