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उम्र पर मत जाइए, अपराध देखिए जनाब

उम्र पर मत जाइए, अपराध देखिए जनाब – जुवेनाइल अपराधी दे रहे बड़े-बड़े अपराधियों को चुनौती – बिहार के माथे पर लगाते रहे पूरे साल दाग नीरज मिश्र, मुजफ्फरपुर निर्भया कांड के बाद पूरे देश में जुवेनाइल अपराधियों पर लगातार चर्चा हो रही है. देश की राजधानी से लेकर लेकर पूरे देश में जुवेनाइल अपराध […]

उम्र पर मत जाइए, अपराध देखिए जनाब – जुवेनाइल अपराधी दे रहे बड़े-बड़े अपराधियों को चुनौती – बिहार के माथे पर लगाते रहे पूरे साल दाग नीरज मिश्र, मुजफ्फरपुर निर्भया कांड के बाद पूरे देश में जुवेनाइल अपराधियों पर लगातार चर्चा हो रही है. देश की राजधानी से लेकर लेकर पूरे देश में जुवेनाइल अपराध के कानून में बदलाव के लिए काफी हो-हल्ला हुआ. सरकार ने इसमें बदलाव भी कर दिये, लेकिन इन सबके बीच बिहार में जुवेनाइल अपराधी घिनौनी वारदातों से पूरे साल दाग लगाते रहे. एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) का रिकार्ड देखने के बाद यह बात और पुख्ता हो जाती है कि बाल उम्र में अपराध कर इन्होंने बड़े अपराधियों को पीछे छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. करते रहे अपराध, बेबस रही पुलिस अहियापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन माह पहले दो बाल अपराधियों ने एक छह साल की बच्ची के साथ रेप किया था. गांव वालों के सार्थक प्रयास से पुलिस ने उन्हें पकड़कर उस वक्त बाल गृह भेज दिया था, जहां दोनों अभी भी अपनी सजा काट रहे हैं. यह मामला तो महज एक बानगी है. जुवेनाइल अपराधी हर सातवें दिन एक नाबालिग की अस्मत तार-तार करते दिखे. पूरे साल 43 रेप के मामले जुवेनाइल अपराधियों ने किये. इसके अलावा अपहरण कर जबरन शादी करने के 229 मामले इनके खिलाफ दर्ज किये गये. किडनैपिंग को लेकर पूरे देश में इनका चर्चा रही. 273 किडनैपिंग के मामले जुवेनाइल अपराधियों के खिलाफ दर्ज किये गये. धोखाधड़ी में बड़े अपराधियों को पीछे छोड़ते हुए इन्होंने 236 लोगों के साथ धोखाधड़ी किया. हत्या को लेकर इनका चर्चा भी खूब रही. 34 लोगों को इन बाल अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया. इसके अलावा 33 लोगों को जानलेवा हमला कर उन्हें जीवन भर का दर्द दे दिया. इसके बाद भी अगर यह बात कही जाए कि इनके उम्र पर मत जाइये, अपराध देखिये तो यह कहना गलत नहीं होगा. ये है जुवेनाइल अपराध जब कोई नाबालिग गंभीर अपराध करता है, जो समाज विराेधी हो, उसे जुवेनाइल अपराध कहां जाता है. एेसे अपराधियों की उम्र आठ से लेकर 16 वर्ष तक होती है. इंटरनेट से बढ़ रहा अवसादजानकारों की मानें तो कंप्यूटर व इंटरनेट इन नाबालिगों को अवसाद की ओर धकेल रहे हैं. इंटरनेट पर अश्लील सामग्री देख ये अपराध की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं. इस पर अभिभावकों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

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