लोक व्यंग्य में समाया समाज व सियासतगांव जवार की ओर से हास्य व्यंग्य लोक कवि सम्मेलनवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गुनगुनी धूप में जब हास्य व्यंग्य की बारिश हुई तो नीतीश्वर कॉलेज के प्रांगण में बैठे श्रोताओं ने जम कर ठहाके लगाये. लोक भाषा में रचित हास्य व्यंग्य कविताओं का जब दौर चला तो लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाये. मौका था गांव जवार की ओर से शुक्रवार को आयोजित लोक कवि सम्मेलन का. इस मौके पर साहेबगंज के मकरध्वज भक्त, बिंदा राय बागी, सोहनलाल दीवाना, सकरा के कामेश्वर मिश्र घुमक्कड़, रामानंद सिंह व सरैया के महेश ठाकुर चकोर ने भोजपुरी, बज्जिका, मैथिली व मगही में रचनाएं प्रस्तुत की. कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के अध्यक्ष डॉ कौशल किशोर चौधरी ने सभी कवियों को डॉ नंद किशोर नंदन व गोरख पांडेय की पुस्तकें भेंट कर की. इसके बाद हास्य-व्यंग्य जरिये के जरिये समाज से सियासत तक का वास्तविक चित्रण किया गया. महेश ठाकुर चकोर ने उपदेश करता उ जे कइले बा घोटाला, हम सांच कहीं बबुआ कुछ दाल में बा काला व कामेश्वर सिंह घुमक्कड़ ने ई धरती पर एक सहारा ओकरे सबके आस रे पंक्तियां सुना कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी. मकरध्वज ने चिंगारी उगले उ ताकल भुलाइल, कलम के सिपाही कलम बेच लेता, गांव के अधिकार अधिकारी लूटे, वतन के पुजारी वतन बेच देता सुना कर श्रोताओं को सोचने पर विवश किया. सामाजिक ताना-बाना पर सोहनलाल की व्यंग्य कविता भी काफी सराही गयी. मंच संचालन पत्रकार एम अखलाक ने किया. आयोजन में सुजीत भारती, चंदन कुमार, अमित कुमार, मनीष कुमार व स्वाधीन दास की मुख्य भूमिका रही.
BREAKING NEWS
Advertisement
लोक व्यंग्य में समाया समाज व सियासत
लोक व्यंग्य में समाया समाज व सियासतगांव जवार की ओर से हास्य व्यंग्य लोक कवि सम्मेलनवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गुनगुनी धूप में जब हास्य व्यंग्य की बारिश हुई तो नीतीश्वर कॉलेज के प्रांगण में बैठे श्रोताओं ने जम कर ठहाके लगाये. लोक भाषा में रचित हास्य व्यंग्य कविताओं का जब दौर चला तो लोग अपनी हंसी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement