मुजफ्फरपुर : कुढ़नी में पदस्थापित एएसएम पुरुषोत्तम सिंह की बाइक मयंक गिराेह ने ही लूटी थी. मयंक की गिरफ्तारी के दौरान उसके ठिकाने से बरामद बाइक के सत्यापन के बाद इसका खुलासा हुआ है. मयंक व उसके साथियों की निशानदेही पर बरामद पांचों बाइक चोरी व लूट की साबित हुई है. इन बाइकों पर ऑटो, स्कूटी व ट्रैक्टर के नंबर अंकित हैं. पुलिस मयंक के साथ उसके साथियों पर वाहन लूट व चोरी के आरोप में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करेगी.
ड्यूटी जाने के दौरान गोली मार कर लूटी थी बाइक. तुर्की ओपी क्षेत्र के सकरी सरैया-गोबरसही पथ पर लदौरा घुसुकपुर के पास 13 सितंबर की देर रात बाइक सवार दो अपराधियों ने गोली मार कर एएसएम पुरुषोत्तम सिंह की बाइक लूट ली थी. कुढ़नी रेलवे स्टेशन पर सहायक स्टेशन मास्टर के पद पर पदस्थापित पुरुषाेत्तम सिंह की नाइट ड्यूटी थी. उनकी ड्यूटी रात 12 बजे रात्रि से सुबह 8 बजे की थी. इसके लिए वे गोबरसही के श्रमजीवी नगर स्थित आवास से अपनी ग्लैमर बाइक (बीआर 06 एएन 8551) से ड्यूटी के लिए निकले थे. लदौरा पेट्रोल पंप से वे जैसे ही आगे बढ़े ही थे कि रात 10.45 बजे पीछे से आये बाइक सवार ने गोली मार दी. बाइक पर दो अपराधी थे. गोली उनकी कमर के निचले हिस्से में लगी थी, लेकिन उन्हें गोली लगने का अहसास नहीं हुआ. एएसएम पुरुषोत्तम को लगा कि बाइक का टायर ब्रस्ट कर गया है. गाड़ी रोककर जब वे टायर देखने लगे, तभी पीछे से आये अपराधियों ने उनकी बाइक छीन ली और गोबरसही की ओर भाग गये थे. जख्मी एएसएम पुरुषोत्तम सिंह के बयान पर दो अज्ञात अपराधियों पर सदर थाना में प्राथमिकी की गयी थी.
बमबारी व गोलीबारी के बाद सुर्खियों में आया था मयंक
मयंक ने रेवा रोड के कपड़ा व्यवसायी वीरेंद्र कुमार से विगत 16 अगस्त को ही दस लाख रुपये रंगदारी की मांग की थी. इनकार करने पर मयंक व विकास ने 17 अगस्त को वीरेंद्र की दुकान पर गोली भी चलायी थी. इस घटना के बाद मयंक व विकास सुर्खियों में आया था. पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर 22 अगस्त को विकास नामक को इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. लेकिन सदर थाना पुलिस द्वारा इस मामले में जमानतीय धारा लगाये जाने के कारण न्यायालय ने उसे जमानत पर छोड़ दिया. इसके बाद फिर विकास ने हरकत करना शुरू कर दिया. जेल से छूटते ही विकास ने रंगदारी की मांग शुरू कर दी थी. 14 सितंबर को पुन: अपराधियों ने सुरभि ड्रेसेज पर बमबारी की थी. सुरभि ड्रेसेज पर हुए बमबारी मामले में पुलिस ने मयंक व विकास पर प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में सदर थाने में ही 17 अगस्त व पांच सितंबर को भी अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज है.
21 अक्तूबर को सात साथियों के साथ गिरफ्तार हुआ था मयंक
सदर थाना पुलिस ने पताही मधुबनी फोरलेन के पास से 21 अक्तूबर को मयंक व उसके सात साथियों गोलू कुमार (यादव नगर), सोनू कुमार (भगवानपुर), धीरज कुमार (लहलादपुर पताही), विक्रम कुमार (श्रमजीवी नगर), चंदन कुमार (भगवानपुर रेवा रोड) व मनीष कुमार (पताही जगन्नाथ) को गिरफ्तार किया था. छापेमारी के दौरान दो लोग फरार हो गये थे. बाद में फरार होने वाले अपराधी की पहचान विकास व नन्हकी के रूप में हुई थी. बाद में विकास ने भी न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस ने मयंक के पास से पांच बाइक बरामद की थी. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने मयंक के पास से तीन बाइक व दो पिस्तौल बरामद किये थे. पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर दो और बाइक को बरामद किया गया था. मयंक ने रेवा रोड स्थित कोल्ड स्टोरेज के पास से पहली अक्टूबर को एक अपाचे बाइक लेथ मशीन व्यवसायी मो. इरफान से लूट ली थी. पुलिस ने इस बाइक को अगले ही दिन पताही से बरामद किया था. गिरफ्तारी के बाद उसने इस कांड में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार ली थी . सदर थानाध्यक्ष वेदानंद मिश्रा ने इस केस का अनुसंधानक प्रमोद कुमार सिंह को बनाया था.
सत्यापन में हुआ खुलासा
अनुसंधानक प्रमोद कुमार सिंह ने मयंक व उसके साथियों के पास से बरामद बाइक के नंबरों का सत्यापन डीटीओ कार्यालय से कराया. सत्यापन के दौरान बरामद ग्लैमर बाइक एएसएम पुरुषोत्तम प्रसाद सिंह की होने का खुलासा हुआ है. मयंक के पास से बरामद बाइक पर अंकित नंबर ऑटो, ट्रैक्टर व स्कूटी के हैं.