हिंदू दर्शन व संस्कृति भारत ही नहीं, विश्व की जरूरतसनातन हिंदू वाहिनी की ओर से गीता जयंती का आयोजन वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरविभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय होकर हिंदुत्व का प्रचार करना सभी भाई बहनों का दायित्व है. आज हिंदू दर्शन व संस्कृति केवल भारत ही नहीं, विश्व की आवश्यकता है. उक्त बातें अंतर्रराष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी के स्थापना समारोह सह गीता जयंती के मौके पर रामकृष्ष्ण आश्रम के संन्यासी स्वामी दयासारानंद ने कही. इससे पूर्व उन्होंने नवयुवक समिति सभागार में आयोजित समारोह का दीप जला कर उद्धाटन किया. वाहिनी की प्रस्तावना को प्रस्तुत करते हुए संगठनक के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पराशर न कहा कि पूरे विश्व के प्राणियों का कल्याण ही संस्स्था का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि गीता संगठन की नीति का आधार बनेगा. इस मौके पर डॉ व्यासनंदन शास्त्री, पं.विनय पाठक, अरुण शर्मा व डॉ डीके धनराज ने प्रस्तावना के समर्थन में विचार रखे. दूसरे सत्र में गीता जयंती पर बोलते हुए प्रणव प्रकाश ने कहा कि गीता के मंत्रों में इतनी शक्ति है कि उसके पाठ से सप्तचक्रों का जागरण होता है. डॉ व्यासनंदन शास्त्री ने कहा कि गीता, वेद व उपनिषद् दोनों का सार है. अध्यक्षता करते हुए वाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष स्वामी अभयानंद गिरी ने कहा कि श्रीकृष्ष्ण की तरह ही हमारा संगठन युवाओं को अर्जुन बनने को प्रेरित करेगा. धन्यवाद ज्ञापन पं.नागेंद्र नाथ ओझा ने किया. काम क्रोध से मुक्ति का मार्ग बताती है गीतामुजफ्फरपुर . मनोविकारों से मुक्त होने वाला ही सही अर्थ में विश्व विजेता कहलाता है. काम, क्रोध, लोभ, मोह से मुक्ति का मार्ग गीता बतलाती है. गीता का ज्ञान मन में छिपे शत्रुओं का जीतना सिखलाती है. उक्त बातें सुख शांति भवन में आयोजित गीता जयंती पर राजयोगिनी रानी दीदी ने कही. उन्होंने कहा कि भारत देवी-देवताओं की भूमि है. यहीं गीता का ज्ञान परमात्मा ने दिया था. धर्म के नाम पर लोग आज कट-मर रहे हैं. लेकिन सत्य का साक्षात्कार नहीं हो रहा है. इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए डॉ संजय पंकज ने कहा कि नकारात्मक वृत्तियों से मुक्ति ही गीता का यथार्थ है. त्याग में ही जीवन का सत्य निहित है. गीता, वेद-वेदांत व उपनिषदों का निचोड़ है. विष्णुकांत झा ने कहा कि नियति ही सब कुछ करती है. डॉ विजय कुमार जायसवाल ने कहा कि कर्म के उपरांत ही फल की प्राप्ति होती है. एचएल गुप्ता ने कहा कि सुख शांति भवन ज्ञान व सेवा का केंद्र है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ फणीश चंद्र फलक ने किया. इस मौके पर सुरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रफुल्ल, राम लखन साह, नारायण, सुरेश मेहता, रश्मि मेहता, पुष्पा बहन व अन्नू बहन मुख्य रूप से मौजूद थीं.
BREAKING NEWS
Advertisement
हिंदू दर्शन व संस्कृति भारत ही नहीं, वश्वि की जरूरत
हिंदू दर्शन व संस्कृति भारत ही नहीं, विश्व की जरूरतसनातन हिंदू वाहिनी की ओर से गीता जयंती का आयोजन वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरविभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय होकर हिंदुत्व का प्रचार करना सभी भाई बहनों का दायित्व है. आज हिंदू दर्शन व संस्कृति केवल भारत ही नहीं, विश्व की आवश्यकता है. उक्त बातें अंतर्रराष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement