गेहूं के लेट किस्म की करें बोआई आम व कटहल के तने के चारों तरफ से लपेट दें पॉलीथिन सीट झुलसा रोग से बचाव के लिए करें इंडोफिल का छिड़काव मशरूम के उत्पादन पर पड़ेगा मौसम का प्रभाव वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गेहूं की बोआई का समय समाप्त होने वाला है. सिंचित व समयकालीन गेहूं की बोआई को समाप्त करना किसानों के हित में होगा. इसलिए अब बोआई समाप्त कर दें. लेकिन विलंब से बोयी जाने वाले गेहूं की किस्मों की बोआई के लिए मौसम अनुकूल हो गया है. किसान विलंब से बोआई होने वाले गेहूं की बोआई कर सकते हैं. बिलंब से बोआई के लिए पीबीडब्लू 373, एचडी 2285, एचडी 2967, एचडी 2643, एचयूडब्लू 234, डब्लूआर 544, डीबीडब्लू 14, एनडब्लू 2036 व एचडब्लू 2045 किस्में अनुशंसित हैं. बोआई के पूर्व 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम फॉस्फोरस व 20 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें. बीज को बोआई से पहले 2़5 ग्राम बेबीस्टीन से प्रति किलो ग्राम बीज को उपचारित करें. छिटकाव विधि से बोआई के लिए प्रति हेक्टेयर 150 किलो ग्राम व सीड ड्रील से पंक्ति में बोआई के लिए 125 किलो ग्राम बीज का उपयोग करें. गेहूं की फसल 20-25 दिनों की हो गई हो, उनमें पहली सिंचाई अवश्य करें. सिंचाई के एक से दो दिनों बाद नेत्रजन उर्वरक डालें. गत माह रोप की गयी आलू की फसल में निकौनी करें. निकौनी के बाद नेत्रजन उर्वरक का उपरिवेशन कर आलू में मिट्टी चढ़ा दें. साथ ही, आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें. अागात झुलसा रोग से बचाव के लिए 2़ 0 से 2़ 5 ग्राम इंडोफिल एम 45, फफूंद नाशक दवा का प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें. बरसीम और लूसर्न की कटाई 25-30 दिनों के अंतर पर करें. प्रत्येक कटनी के बाद सिंचाई (अधिक से अधिक 5 सेमी) करें. सिंचाई के बाद खेतों में 10 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से नेत्रजन दें. इस मौसम में मिली बग कीट मिट्टी से निकल कर आम के तनों पर चढ़कर पौधें को नुकसान करते हैं. इससे बचाव के लिए मिट्टी से 0़ 5 मीटर ऊंचाई पर आम व कटहल के तने के चारों तरफ पॉलीथिन सीट लपटे. पॉलीथिन सीट के ऊपर ग्रीस का लेप चढ़ावे. मिली बग कीट ऊपर चढ़ न सकें. ग्रीस में चिपक कर मर जाए. तने के आस-पास की मिट्टी की खुदाई करें जिससे उनके अंडे नष्ट हो जाए. बगीचे मे सिंचाई करें. बैगन की फसल को तना एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित तना एवं फलों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें, यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड 48 इसी/ 1 मिली प्रति 4 ली पानी की दर से छिड़काव करे. मशरूम की वृद्वि पर गिरते तापमान का कुप्रभाव पड़ सकता है, उत्पादन गृह में तापक्रम 25़ 28 बनाये रखें.
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गेहूं के लेट कस्मि की करें बोआई
गेहूं के लेट किस्म की करें बोआई आम व कटहल के तने के चारों तरफ से लपेट दें पॉलीथिन सीट झुलसा रोग से बचाव के लिए करें इंडोफिल का छिड़काव मशरूम के उत्पादन पर पड़ेगा मौसम का प्रभाव वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गेहूं की बोआई का समय समाप्त होने वाला है. सिंचित व समयकालीन गेहूं की […]
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