मुजफ्फरपुर: किसानों की कुंजी व पूंजी माने जाने वाले मालगुजारी रसीद नहीं काटे जाने से किसानों का काम ठप पड़ा हुआ है. इस वित्तीय वर्ष की रसीद नहीं होने से किसान एलपीसी बनाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. वहीं, जिस भू-धारी की जमीन योजना के लिए अधिगृहीत की गयी, उसका मुआवजा भुगतान अटका है.
अंचलों में करीब एक महीने से मालगुजारी रसीद नहीं है. इसके कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. आलम यह है कि दो रुपये की रसीद कटाने के लिए लोग एक दर्जन से अधिक बार कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं. मुशहरी अंचल के मिठनपुर लाला निवासी उदय नारायण प्रसाद पिछले चार महीने से दौड़ लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हलका कर्मचारी कोर्ट की तरह डेट देता है.
रसीद कटवाने के लिए जब पहुंचते हैं, तो उनका अता-पता नहीं होता है. फोन पर बात करने पर रसीद नहीं होने की बात कही जाती है.
इधर, मुशहरी सीओ दीपेंद्र भूषण का कहना है कि 15 दिन से अंचल में रसीद नहीं है. एक दो दिन में रसीद आ जायेगी. बताया तो यह भी जाता है कि राजस्व कर्मचारी रसीद रहते हुए भी मालगुजारी काटने में कन्नी काटते रहते हैं. किल्लत होने पर रसीद दबा कर बैठ जाते हैं. इसके बाद अपने हिसाब से सुविधा शुल्क लेकर जरूरतमंद लोगों की रसीद काटते हैं.