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मीनापुर प्रकरण में अफसरों की भूमिका पर उठाया सवाल

मीनापुर प्रकरण में अफसरों की भूमिका पर उठाया सवाल -जिला प्राशिसं ने डीएम व डीडीसी से की जांच की मांग संवाददाता, मुजफ्फरपुर मीनापुर बीआरसी में नियोजन से संबंधित कागजात जलाए जाने व इस मामले में बीइओ सहित बीआरपी पर मुकदमा कराए जाने के मामले में मुजफ्फरपुर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभागीय अधिकारियों की भूमिका […]

मीनापुर प्रकरण में अफसरों की भूमिका पर उठाया सवाल -जिला प्राशिसं ने डीएम व डीडीसी से की जांच की मांग संवाददाता, मुजफ्फरपुर मीनापुर बीआरसी में नियोजन से संबंधित कागजात जलाए जाने व इस मामले में बीइओ सहित बीआरपी पर मुकदमा कराए जाने के मामले में मुजफ्फरपुर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया है. संघ के पदाधिकारियों ने जिला पदाधिकारी व उप विकास आयुक्त से आग्रह किया है कि किसी निष्पक्ष पदाधिकारी से जांच करा ली जाय. सात दिन के अंदर निर्दोष बीआरपी सह शिक्षकों को मुकदमे से बरी नहीं किया गया तो मीनापुर के शिक्षक कलमबंद हड़ताल करेंगे. संघ के उप प्रधान सचिव भूप नारायण पांडेय ने बताया कि डीइओ व डीपीओ स्थापना के योगदान करने के बाद बताया गया था कि पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मीनापुर नरेंद्र प्रसाद सिंह द्वाराभारी पैमाने पर अवैध नियुक्ति की गई है. जांच की बात तो दूर रही, सरकारी नियम को ताक पर रखकर दूर के प्रखंड कटरा से मो ईशा को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का चार्ज दे दिया गया. यह आज भी रहस्य का विषय है. किन परिस्थितियों में प्रतिनियुक्ति की गई, यह जांच का विषय है. जानकारी मिलने के साथ ही अगर विभाग सारे कागजातों के अपने कब्जे में ले लेता तो शायद ऐसी परिस्थिति नहीं आती. साजिश के तहत साधनसेवियों को फंसाया गया है. वैद्यनाथ पाठक, रघुवंश प्रसाद सिंह, उमेश ठाकुर, राम छबीला राय, संजय तिवारी, राजीव रंजन आदि ने डीइओ पर भी संलिप्तता का आरोप लगाया. बीआरपी पर मुकदमे से जताया आक्रोश मुजफ्फरपुर. प्रखंड साधनसेवी मोर्चा की बैठक शुक्रवार को महिला शिल्प कला विद्यालय के सभागार में हुई, जिसमें प्रखंड साधनसेवी के कार्यों व दायित्वों पर चर्चा हुई. मीनापुर बीआरसी में आगजनी पर प्रखंड साधनसेवियों को आरोपी बनाए जाने पर रोष प्रकट किया गया. सर्व सम्मत से निर्णय लिया गया कि उच्चाधिकारियों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएंगे. बीआरपी की संचिकाओं के संधारण में कोई भूमिका नहीं है. साथ ही संरक्षण की जिम्मेदारी भी बीआरपी की नहीं है. ऐसे में उनके ऊपर दर्ज की गई प्राथमिकी तथ्यहीन, निराधार व बेबुनियादहै. अध्यक्षता संजय तिवारी ने की. कहा कि साधन सेवियों को एफआइआर से मुक्त नहीं किया गया तो मोर्चा आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

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