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इस वर्ष 10 दिन ही शादियों के लिए लग्न

इस वर्ष 10 दिन ही शादियों के लिए लग्न नवंबर में चार व दिसंबर में छह दिन ही लग्न 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास के कारण कम हुआ योगवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरइस वर्ष महज दस दिन शादियों का संयोग है. उसके बाद अगले साल जनवरी से शादियों का लग्न शुरू होगा. नवंबर में 22, […]

इस वर्ष 10 दिन ही शादियों के लिए लग्न नवंबर में चार व दिसंबर में छह दिन ही लग्न 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास के कारण कम हुआ योगवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरइस वर्ष महज दस दिन शादियों का संयोग है. उसके बाद अगले साल जनवरी से शादियों का लग्न शुरू होगा. नवंबर में 22, 23 26, 27 व दिसंबर में 2 , 6, 7, 8, 13, 14 को ही शादियों के लिए लग्न बन रहे हैं. ऐसा 16 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक मलमास लगने के कारण हुआ है. ज्योतिषों का कहना है कि मलमास में सूर्य धनु राशि का होता है. ऐसे में सूर्य का बल वर को प्राप्त नहीं होता. वर को सूर्य का बल व वधू को बृहस्पति का बल होने के साथ ही दोनों को चंद्रमा का बल होने से ही विवाह के योग बनते हैं. इस पर ही विवाह की तिथि निर्धारित होती है. क्यों बनता है मलमास का योगहिन्दू ग्रंथों व ज्योतिष शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि जिस चंद्रमास में सूर्य का राशि संक्रमण यानी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश या संक्रांति न हो उसे अधिक मास या मलमास कहा जाता है. सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है और सभी धर्म कर्म आदित्य देवता को साक्षी मानकर ही संपादित किए जाते हैं. आचार्य मनोज झा कहते हैं कि जब गुरु की राशि में सूर्य आते हैं तब मलमास का योग बनता है. वर्ष में दो मलमास पहला धनुर्मास व दूसरा मीन मास आता है. सूर्य के गुरु की राशि में प्रवेश करने से विवाह संस्कार आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं.

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