मुजफ्फरपुर: पटना बम ब्लास्ट मामले में एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम ने दूसरी बार गुरुवार को मुजफ्फरपुर शहर में छापेमारी की. आठ सदस्यीय टीम दोपहर को शहर पहुंची. टीम के सदस्यों ने नगर पुलिस के सहयोग से चंदवारा के बिदेंश्वरी कंपाउंड के लॉज में छापेमारी की. टीम को सरवर नाम के युवक की तलाश थी.
बताया जाता है, सरवर ने दो दिन पूर्व ही लॉज खाली किया है. बी कॉम के छात्र सरवर के बारे में पुलिस को पूछताछ में पता चला कि वह दो साल से इस लॉज में रह रहा था. लॉज के बाहर कॉमर्स स्टडी प्वाइंट का पोस्टर लगा था. एनआइए को सरवर छानबीन में पता चला कि लॉज अहमद हुसैन का है. पुलिस ने अहमद हुसैन से भी पूछताछ की, लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पायी है. करीब 40 मिनट तक एनआइए की टीम ने लॉज में रह रही महिलाओं व बच्चों से पूछताछ की. उन्होंने बताया, लॉज में पहले कोचिंग चलती थी.
कोचिंग के बाद दो साल से इस मकान में कई छात्र रह रहे हैं. लॉज में रह रही महिलायें टीम के सदस्यों को सरवर के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पायी. जिस कमरे में सरवर रहता था, वह बंद था. एनआइए की टीम ने संचालक की मदद से सरवर के कमरे की तलाशी भी ली, लेकिन कोई सामान बरामद नहीं हो पाया है.
सरवर के बारे में पता चला है, वह पूर्वी चंपारण का रहने वाला है. मुजफ्फरपुर में छापेमारी के बाद सरवर की तलाश में एनआइए की टीम मोतिहारी के लिए रवाना हो गयी, लेकिन देर रात तक इस बात का पता नहीं चल सका. मोतिहारी में एनआइए की टीम ने किस स्थान पर छापेमारी की. मोतिहारी के एसपी विनय कुमार का कहना है, एनआइए की टीम जिले में आयी है, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. इधर, मुजफ्फरपुर में जिस लॉज में छापेमारी हुई, उसके संचालक अहमद हुसैन ने बताया कि सरवर कटरा के रहने वाले खालिद के साथ रहता था. उसके साथ एक अन्य छात्र भी था, लेकिन सभी ने लॉज खाली कर दिया. लॉज खाली करते समय इन लोगों ने कहा था, अब हम लोग पटना में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करेंगे.
गुरुवार सात नवंबर से पहले एनआइए की टीम 29 अक्तूबर की देर रात मुजफ्फरपुर आयी थी. उस दौरान मनियारी के नीरपुर, अहियापुर की सैय्यद कॉलोनी में छापेमारी हुई थी. इसी दौरान टीम के साथ बोधगया ब्लास्ट का गवाह मेहर-ए-आलम भी था, जो स्टेशन स्थित सिद्धार्थ होटल से गायब हो गया था, जिसके बारे में अभी तक कोई पता नहीं चला है.