कुम्हार की चाक पर भारी चायना का बाजारऔने-पौने दामों पर बीक रहा दीप व कुलियापुश्तैनी धंधा छोड़ पलायन कर रहे कुम्हार बिरादरी के लोगकुम्हारों के चेहरे से रौनक गायब, फोटो अटैच मीनापुर. राघोपुर गांव के रामचंद्र पंडित दशकों से मिट्टी गूंथकर दीवाली की सामाग्री बनाते है. इनके दीप व कुलिया से सैकड़ो घर तो रोशन होते है. किंतु घर मे आज भी उजाला का इंतजार है. रामचंद्र पंडित बताते हैं कि काफी मेहनत के बाद दीप व कुलिया तैयार करते है. इस बार दो ट्रैक्टर मिट्टी के लिए दो हजार रुपया देना पड़ा. साथ ही तीन सौ रुपये गज जलावन खर्च भी आया. वाबजूद मिट्टी के दीप एक रुपया मे आठ पीस व कुलिया पचास पैसे पीस बेचना पड़ रहा है. ऐसे मे तो उनके मेहनत के पैसे भी नही उपर होते. कभी रोधन पंडित, लखन पंडित व शंकर पंडित के दीपों का कई गांवो मे नाम था. किंतु चायनिज लाइटों के सामने इनके दीपों की चकाचौँध फीकी पड़ गयी. अब मधुबनी, बनघारा, गढ़मा, विशुनपुर गांवों के कुम्हार अपनी पुश्तैनी धंधा से विमुख हो रहे है. बड़ी संख्या में कुम्हार बिरादरी के लोग काम की तलाश मे दुसरे प्रदेशों मे पलायन कर रहे है. राघोपुर के भिखारी पंडित, झोटइल पंडित, शत्रुघ्न पंडित व लखन पंडित बताते है कि दीपावली के पूजन मे इस्तेमाल होनेवाले ढक्कन, कपटी व शरबी का भी उचित कीमत नही मिल पा रहा है. छठी माई को चढ़ने वाला हाथी के बदले मे मिलने वाला नेग के बदले अब 50 रुपया नगद ही नसीब होता है. विशुनपुर की एतवरिया देवी कहती है कि उ धंधा से कौन फायदा जे से दाल रोटी भी न चले. ग्रामीण क्षेत्रो मे लोक परंपरा का प्रतिक दीअउरी दीप की जगह चायनिज लाइटों ने ले लिया है. अब तो अन्य दिनो मे भी घरो की शोभा चायनिज लाइट बन गया है. अब तो चायनिज दीप भी बाजारों मे उतर गया है. मुस्तफागंज के रजनिशकांत प्रियदर्शी बताते है कि बाजार मे चायनीज लाइट की जबर्दस्त मांग है.मिट्टी की दीपो पर आधुनिकता की मार दीपावली भारतीय संस्कृति में अपना अलग महत्व रखती हैं. इस दिन मीनापुर प्रखंड व आसपास के इलाको मे लोग दीपमालिकायें जलाकर धार्मिक, सामाजिक जगमगाहट के साथ महालक्ष्मी के पूजन का प्रथा पुरातन काल से चला आ रहा है. खुशी के इस त्यौहार पर दीपमालिकायें जलाने के लिए मिट्टी से बने दीपों का जलाया जाना शुभ माना जाता है. वहीं आधुनिकता की दौड़ में मिट्टी से बने दीयों का चलन कम होता जा रहा है. जिससे परंपरागत ढंग से दीयों को बनाने वाले कुम्हार जाति के लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच रहे हैं. दीपावली का त्यौहार हो या छठ का हाथी फिर गर्मी आते ही घड़ों एवं घर गृहस्थी की अन्य उपयोगी सामाग्री मिट्टी से बनाकर बिक्री करके अपना अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे है, लेकिन धनपतियों की निगाहें वहां पर भी पहुचं गयी और प्लास्टिक सहित अन्य सामग्रियों से गिलास एवं दीयों तथा घरों में प्रयोग होने वाली अन्य सामाग्री तैयार करके बाजारों में बेच रहे हैँ जिससे कुम्हार जाति के लोगों का चाक बन्द होने के कगार में है. वहीं कुम्भकार कहे जाने वाले लोग जो कच्ची मिट्टी को तैयार करके अपने चाक औरं उंगलियों के माध्यम से विभिन्न आकारों में आकर्षक ढांचे मे ढाल देते हैं. उनकी कला के अद्भुत नमूने आज भी घरों में मौजूद हैं परन्तु आज भौतिकता के चलते दीपावली जैसे धार्मिक मान्यता वाले त्यौहार में मिट्टी के दीयों को मात्र पूजन में प्रयोग करते हैं. बाकी घरों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों मेँ बिजली की झालरें एवं मोमबत्ती आदि प्रयोग होने लगे हैं. मिट्टी को अनेक प्रकार के कलात्मक ढांचे मे ढालने वाले कुम्हार जाति का परम्परागत व्यापार बन्दी के कगार पर पहुंच रहा है. भारतीय सामाजिक व्यवस्था के लिए बनाए गए जाति एवं कर्मो के आधार पर पूर्वजों की अब तक संचालित हो रही व्यवस्था व लोक परंपरा हाशिय पर जा रहा है.एक्जिट पोल को बताया बकवासचुनाव सम्पन्न होने के बाद भी क्षेत्र मे ही बीत रहा समय,कार्यकर्ताओ से फीडबैक ले रहे प्रत्याशी,फोटो अटैचमीनापुर. मतगणना मे 24 घंटे का समय रह गया है. ऐसी स्थिति मे प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ गयी है. मीनापुर मे कांटे की टक्कर का अनुमान है. ऐसी स्थिति मे प्रत्याशी चुनाव खत्म होने के बाद भी पुरा समय क्षेत्र मे ही दे रहे हैं. सभी लोग मतो के जोड़ घटाव मे जुटे है. अजय कुमार (भाजपा प्रत्याशी) अभी क्षेत्र मे ही है. कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे है. पुरी बहुमत से राज्य मे एनडीए की सरकार बनेगी. एक्जिट पोलो के अनुमान से वह सहमत नही है. मुन्ना यादव(राजद प्रत्याशी) एक्जीट पोल बकवास है. वह इन अनुमानों को खारिज करते है. महागंठबंधन को बिहार मे 180 से अधिक सीटे मिलेगी. नीतीश कुमार की अगुवाई मे महागंठबंधन की सरकार बनेगी. वह अपना पुरा समय क्षेत्र मे ही दे रहे है. जनता से मिलने के साथ साथ कार्यकर्ताओ से फीडबैक ले रहे है.
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कुम्हार की चाक पर भारी चायना का बाजार
कुम्हार की चाक पर भारी चायना का बाजारऔने-पौने दामों पर बीक रहा दीप व कुलियापुश्तैनी धंधा छोड़ पलायन कर रहे कुम्हार बिरादरी के लोगकुम्हारों के चेहरे से रौनक गायब, फोटो अटैच मीनापुर. राघोपुर गांव के रामचंद्र पंडित दशकों से मिट्टी गूंथकर दीवाली की सामाग्री बनाते है. इनके दीप व कुलिया से सैकड़ो घर तो रोशन […]
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