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संजय के लिए अभ्यर्थियों की सेटिंग करता था संतोष

संजय के लिए अभ्यर्थियों की सेटिंग करता था संतोष वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसदर थाना में प्रतियोगिक परीक्षाओं में सेटिंग कराने के आरोप में गिरफ्तार यूको बैंक का कर्मचारी संतोष कुमार ने अपने स्वीकृति बयान में में मामलों का खुलासा कर दिया है. संतोष ने कहा है कि पटना के ककड़बाग स्थित एक्ससेलेंट कोचिंग में प्रतियोगिक परीक्षाओं […]

संजय के लिए अभ्यर्थियों की सेटिंग करता था संतोष वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसदर थाना में प्रतियोगिक परीक्षाओं में सेटिंग कराने के आरोप में गिरफ्तार यूको बैंक का कर्मचारी संतोष कुमार ने अपने स्वीकृति बयान में में मामलों का खुलासा कर दिया है. संतोष ने कहा है कि पटना के ककड़बाग स्थित एक्ससेलेंट कोचिंग में प्रतियोगिक परीक्षाओं की तैयारी के क्रम में ही उसे संजय से मुलाकात हुई. संजय प्रतियोगिक परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की जगह स्कॉलर को परीक्षा में बैठा कर उसे पास कराने से लेकर नियुक्ति तक का बड़ा रैकट चलाता है. संजय के दवाब पर ही संतोष ने उसे परीक्षा में सेटिंग कराने के लिए अभ्यर्थी देना शुरू कर दिया था. इसके एवज में संजय उसे पचास हजार प्रति अभ्यर्थी देता था. संजय और संतोष का संपर्क 11 साल पुराना है. वर्ष 2004 में संजय अपने घर मुंगेर के बैजलपुर गांव से पटना ककड़बाग में पढ़ाई के साथ प्रतियोगिक परीक्षाओं की तैयारी करने आया था. इसी बीच उसकी मुलाकात शिव शिक्त से हुई और दोनों एक साथ 2007 में स्नातक की. इसके बाद शिवशक्ति पढ़ाई के लिये दिल्ली चला गया. संतोष 2009 में पीजी करने के बाद बैकिंग की तैयार करने के लिये एक्सीलेंट कोचिंग जाने लगा. कोचिंग के लौटने के बाद वह दिनकर गोलंबर के पास संजय की चाय दुकान पर ही चाय पीता था. उसी दुकान पर रवि रंजन और अरविंद भी चाय पीने आता था. चारों में गहरी दोस्ती हो गयी. संतोष के बैच बैकिंग व अन्य प्रतियोगिक परीक्षाओं में लगातार लिखित परीक्षा निकाल रहा था. लेकिन साक्षात्कार में उसकी छटनी हो रही थी. संजय इस बात को जान गया था. संजय ने संतोष को प्रतियोगिक परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के बदले स्कॉलर के रूप में काम करने का प्रस्ताव दिया. इसके लिए प्रति अभ्यर्थि 20 हजार का प्रलोभन भी दिया. लेकिन संतोष ने इस अस्वीकार कर दिया. इसके बाद संजय ने संतोष को शिव शक्ति से बात करने को कहा. 2014 में बैंक में संतोष की हुई नौकरी संतोष ने बैकिंग क्लर्क परीक्षा पास कर 2014 में नौकरी हासिल कर ली. बेगूसराय में नियुक्ति होने के बाद वह पटना गया. संजय से मुलाकात करने पर उसने उसे अभ्यर्थी देने की बात कही. प्रति अभ्यर्थी पचास हजार रुपये तय किया गया. इस बात पर संतोष राजी हो गया. जुलाई 2015 में संतोष ने मुजफ्फरपुर के यूको बैंक शाखा में बदल कर आया. इसके बाद संतोष ने संजय को दो अभ्यर्थी संजीत व विकास को देते हुए आइबीपीएस परीक्षा में सेटिंग कराने की बात कही. इसके लिए शिव शक्ति को स्कॉलर के रूप में बैठाने की बात तय हुई. परीक्षा अगस्त के 2015 में हुई, जिसमें शिव शक्ति स्कॉलर के रूप में बैठा. इस दोनों लड़के के बदले संतोष को एक लाख रुपये मिले थे. संतोष के साथ गिरफ्तार रवि रंजन से भी संजय ने चार लाख रुपये लिये थे.

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