मुजफ्फरपुर: एक दिन के बाद ही सदर अस्पताल की इमरजेंसी का दृश्य बदला हुआ था. मरीजों के नहीं होने पर ड्य़ूटी रूम में आराम करने के नियम के बावजूद डॉक्टर आरबी शर्मा इमरजेंसी में ही बैठे हुए थे. मरीज आता तो उसे देखते, नहीं तो बैठे रहते. यह बदलाव शुक्रवार की दोपहर में दिखा. प्रशिक्षु आइएएस अरविंद कुमार वर्मा ने गुरुवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. उसके बाद इमरजेंसी की स्थिति ही बदल गयी है. मरीजों को डॉक्टर को खोजने की जरूरत नहीं पड़ी.
कर्मचारी अलाउद्दीन व ड्रेसर राजू भी डय़ूटी पर मुस्तैद थे. अलउद्दीन मरीज आते ही उसका पुरजा बनाते तो राजू बैंडेज पट्टी करने के लिए तैयार हो जाता. मरीजों के साथ व्यवहार भी आत्मीय था. उनका नाम पता पूछने व मर्ज जानने में झल्लाहट नहीं थी. हालांकि इमरजेंसी में इलाज कराने आये मरीजों की संख्या काफी कम रही. दोपहर 3 से 4.30 बजे तक महज पांच मरीज ही पहुंचे. उसमें भी कोई सीरियस नहीं था.
किसी को माथे मे चोट लगी थी तो कोई पेट दर्द से परेशान था. ड्य़ूटी पर मौजूद डॉ आरबी सिंह सभी का चेकअप करने के बाद उन्हें दवाएं लिखते. वार्डो में भी स्थिति बेहतर थी. सुबह डॉक्टर का राउंड हो चुका था. पुरुष सजिर्कल, पुरुष मेडिकल व महिला वार्ड में एएनएम भी डय़ूटी पर तैनात थी.