सत्तू कारखाना में काम करने के लिए कैदियों का चयन कर लिया गया है. केंद्रीय जेल अधीक्षक इ जितेंद्र कुमार ने कहा कि दस लाख रुपये की लागत से कारखाना लगाया गया है. जेल प्रशासन ने कैदियों की जीवन शैली सुधारने के इसका उद्देश्य से यह पहल की है.
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कैदियों के हाथों तैयार सत्तू का स्वाद लेंगे बिहारवासी
मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कैदियों के हाथों से तैयार सत्तू का स्वाद अब बिहार के लोग लेंगे. यहां तैयार सत्तू का लुत्फ बिहार के विभिन्न जेलों के कैदी भी उठायेंगे. जेल प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. केंद्रीय कारा में सत्तू तैयार करने वाली मशीन लगायी गयी है. मशीन चलाने […]
मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कैदियों के हाथों से तैयार सत्तू का स्वाद अब बिहार के लोग लेंगे. यहां तैयार सत्तू का लुत्फ बिहार के विभिन्न जेलों के कैदी भी उठायेंगे. जेल प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. केंद्रीय कारा में सत्तू तैयार करने वाली मशीन लगायी गयी है. मशीन चलाने वाले कैदियों को ट्रेनिंग भी दे दी गयी है.
प्रतिदिन पांच सौ क्विंटल सत्तू होगा. केंद्रीय कारा में जो कारखाना लगा है, उसमें प्रतिदिन पांच सौ क्विंटल सत्तू तैयार होगे. इसके लिए अभी फिलहाल कच्च माल बाजार से खरीदा जायेगा. जो सत्तू तैयार किया जायेगा, उसकी क्वालिटी बाजार में मिलने वाले सत्तू की क्वालिटी से अच्छी होगी. जेल अधीक्षक ने बताया कि इसके उत्पादन में प्रथम चरण में 75 कैदी लगाये गये हैं. बाद में और कैदियों को इसमें काम दिया जायेगा.
बिहार के सभी जेलों व बाजार में जायेगा. केंद्रीय कारा में तैयार सत्तू बिहार के सभी मंडल कारा, उपकारा व सेंट्रल जेल में भेजे जायेगा. केंद्रीय अधीक्षक ने कहा कि प्रथम चरण में बिहार के 56 जेलों में सत्तू की सप्लाई की जायेगी. इसके बाद बाजार में भी सत्तू भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि कारखाना से प्रतिदिन 30 लाख रुपये आय अर्जित करने का लक्ष्य है. यह लक्ष्य बिहार के 56 जेलों से ही अर्जित कर लिया जायेगा. इसके अलावा बाजार में जो सत्तू बिकेगा,उससे दस लाख रुपये आय का लक्ष्य रखा गया है.
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