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अक्षम ठेकेदारों को दिया 464 किमी सड़क का काम

प्रेम कुमार मुजफ्फरपुर : सड़क निर्माण में बड़ा गोलमाल है. विभाग ने अक्षम ठेकेदारों से 464 किलोमीटर सड़क बना दिया. इंजीनियरों ने पूरी ताकत झोंक कर अक्षम ठेकेदारों को 253.28 करोड़ रुपये का काम बांट दिया. ग्रामीण कार्य प्रमंडल, मुजफ्फरपुर के कार्यपालक अभियंता, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता ने ऐसे ठेकेदारों को काम दिया, जिनके […]

प्रेम कुमार
मुजफ्फरपुर : सड़क निर्माण में बड़ा गोलमाल है. विभाग ने अक्षम ठेकेदारों से 464 किलोमीटर सड़क बना दिया. इंजीनियरों ने पूरी ताकत झोंक कर अक्षम ठेकेदारों को 253.28 करोड़ रुपये का काम बांट दिया.
ग्रामीण कार्य प्रमंडल, मुजफ्फरपुर के कार्यपालक अभियंता, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता ने ऐसे ठेकेदारों को काम दिया, जिनके पास अनुभव की कमी थी. एक दो नहीं 13 पैकेजों में हुए कार्य में ऐसा किया गया है. इंजीनियरों ने ठेकेदारों पर मेहरबानी दिखायी है. इंजीनियरों का यह कारनामा 2011-12 की महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है.
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, टेंडर के साथ ठेकेदारों को किन कागजातों को जमा करना था, इसकी पुस्तिका दी गयी थी. इसमें निविदादाता को निविदा के साथ स्टैटिक वाइबेटरी रोलर, फ्रांट इंड लोडर, ट्रैक्टर के साथ लेवेलर, ट्रैक्टर के साथ रोटावेटर, मिनी एचएमपी, कंक्रीट मिक्सर, कंक्रीट वाइरेटर, ट्रिपर, ट्रैक्टर, टार बॉयलर, विकल माउंटेन, मैकेनिकल स्प्रे और प्रिरंकलर वाला वाटर टैंकर का स्वामित्व प्रमाण पत्र जमा करना था. इसके साथ ही प्रयोगशाला उपकरणों का प्रमाण पत्र भी जमा करना था.
आइटीबी के प्रावधान के अनुसार निविदादाता को इस कार्य की प्रकृति और आकार के कार्य का पूर्व में किये जाने का पिछला पांच वर्षों का अनुभव प्रमाण पत्र जमा करना था. निविदा मूल्य के बराबर एक वर्ष का टर्न ऑवर का डॉक्यूमेंट पेश का करना था. टन ऑवर सिविल कार्यों का हो, चार्जर्ड एकाउंटेंट का प्रमाण पत्र देना था.
ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दिन में छह कार्य संवेदक को दिया गया. इसका बिड का मूल्य 127 करो­ड़ रुपये था. जेएसएसआर कंस्ट्रक्शन के 2007-08 के टर्न ऑवर 107.16 करोड़ रुपये से काफी अधिक था. ऑडिट का कहना है कि निविदा नियमों के अनुसार इसे निरस्त कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन इंजीनियरों ने आंख बंद कर अक्षम लोगों को काम बांट दिया. 40 श्रमिकों का लाइसेंट जमा किया था. तकनीकीमानव बल, यंत्र और सयंत्रों की मात्रा काफी कम था.
सिंह कंस्ट्रक्शन पर दिखायी मेहरबानी
सिंह कंस्ट्रक्शन को 2009-10 में पांच पैकेज का काम दिया गया था. बिड 90.90 करोड़ रुपये का था, लेकिन संवेदक का टर्न ऑवर 2008-09 में मात्र 29.96 करोड़ रुपये था. इसे 62 सड़कों पर निर्माण करना था. सभी सड़कों का निर्माण नहीं हो सका था. ऑडिट ने कहा, संवेदक के पास जितना सामान था. उसकी बदौलत गुणवत्ता वाली सड़क निर्माण एक साथ हो सके.
शुभम को भी दिया काम
इसके बाद पैकेज में शुभम कंस्ट्रक्शन को 18 सड़कों (45.261 किलोमीटर) का काम दिया गया. इस पर विभाग को 22.96 करोड़ खर्च करना था. एक वर्ष का टर्न ऑवर 21.83 करोड़ था.
इसके बाद भी इसे काम दिया गया. इसकी भी हालत कमोवेश ठीक नहीं था.ऑडिट ने कहा, विभाग ने संवेदकों को काम देने में नियमों का घोर उल्लघन किया गया. ऐसी एजेंसियों को काम दिया गया, जिनके पास इतने बड़े काम का अनुभव नहीं था. प्रयोगशाला भी नहीं था, टर्न ऑवर भी नहीं था. ऐसे में गुणवत्ता वाली सड़क निर्माण संभव नहीं था.

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