ऐसे में चुनाव का प्रारू प तय करने की जिम्मेदारी कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता वाली एक कमेटी को सौंपी गयी है, जिसमें करीब दर्जनभर जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं. इन सब के बीच यूजीसी ने एक बार फिर साफ कर दिया गया है कि छात्र संघ चुनाव हर हाल में लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के आधार पर ही होगी. जिन विवि में छात्र संघ चुनाव हो चुका है, वहां इसका पालन हुआ है या नहीं, इसकी रिपोर्ट 18 सितंबर तक देने को कहा गया है. यदि चुनाव नहीं हुआ है तो भी इसकी जानकारी उक्त तिथि तक यूजीसी को देनी है. इस संबंध में यूजीसी के सचिव जसपाल एस संधु ने बीआरए बिहार विवि सहित तमाम विवि के कुलपति को पत्र लिखा है.
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लिंगदोह कमेटी के आधार पर ही कराएं छात्र संघ चुनाव
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में छात्र संघ चुनाव कराने के लिए पहल शुरू हो चुकी है. लेकिन इसका प्रारू प क्या होगा, यह तय होना अभी बांकी है. छात्र संगठनों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) थोड़े बहुत संशोधन के साथ लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के आधार पर चुनाव कराने के पक्ष में हैं, तो […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में छात्र संघ चुनाव कराने के लिए पहल शुरू हो चुकी है. लेकिन इसका प्रारू प क्या होगा, यह तय होना अभी बांकी है. छात्र संगठनों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) थोड़े बहुत संशोधन के साथ लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के आधार पर चुनाव कराने के पक्ष में हैं, तो शेष संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.
ये हैं विरोध के कारण
छात्र समागम, छात्र राजद, छात्र लोजपा, छात्र रालोसपा व एआइडीएसओ लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव का विरोध कर रही है. छात्र समागम के विवि अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह कहते हैं, लिंगदोह कमेटी में चुनाव लड़ने के जो मानक तय किये हैं, वे काफी जटिल है. जैसे छात्र आंदोलन के दौरान यदि किसी छात्र नेता पर एफआइआर हो जाता है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है. चुनाव लड़ने के लिए ईयर बैक नहीं होना चाहिए. मैट्रिक से हायर एजुकेशन तक सत्र में ब्रेक नहीं लगना चाहिए. वहीं छात्र चुनाव लड़ सकता है, जिसकी कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत हो. चुनाव प्रचार के दौरान बैनर, पोस्टर पर रोक, माइक का प्रयोग भाषण के लिए नहीं करने के सुझाव, ये कुछ ऐसे बिंदु हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता है.
संशोधन पर अभाविप तैयार
विवि में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकलौता छात्र संगठन है जो कमोबेश लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के आधार पर चुनाव कराने को तैयार है. आपत्ति आयु सीमा को लेकर है. लिंगदोह कमेटी ने स्नातक के छात्रों के लिए 17 से 22 वर्ष, पीजी के छात्रों लिए 24 से 25 वर्ष व पीएचडी कर रहे छात्रों के लिए अधिकतम 28 वर्ष आयु निर्धारित की है. परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य केशरी नंदन शर्मा कहते हैं, जहां एकेडमिक सत्र एक से दो साल तक देर हो, वहां इसे लागू करने पर नियमित छात्र तो चुनाव से वंचित हो जायेंगे. अभाविप चुनाव प्रचार में खर्च की सीमा पांच हजार रुपये व मैट्रिक से हायर एजुकेशन तक सत्र नियमित होने की शर्त का भी विरोध कर रहा है. पहले छात्र के नाम पर दबंग ही चुनाव लड़ते थे. लेकिन लिंगदोह कमेटी के प्रावधानों को अपनाने पर वास्तविक छात्र चुनाव लड़ सकेंगे.
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