मुजफ्फरपुर: पानी में भींग कर जनता दरबार में गुहार लगाने आयी सुमित्र देवी के अरमान पर उस समय पानी फिर गया जब उससे कहा गया कि समय समाप्त हो गया है. पति मंहगु के साथ जगदीशपुर साहेबगंज से आयी सुमित्र यह सुनते ही गुस्से में आ गयी. वह माथा पीट-पीट कर चिल्लाने लगी. सुमित्र कहना था कि उसने सुबह दस बजे ही आवेदन दिया था, फिर कैसे समय खत्म हो गया. इधर पत्नी के रोते देख पति मंहगु का पारा भी चढ़ गया.
उसने पत्नी को दिलासा देते हुए कहा कि चलो अब कभी जनता दरबार में नहीं आयेंगे, रिक्शा चला कर मुकदमा लड़ेंगे, कोर्ट से ही इंसाफ मिलेगा. बकौल सुमित्र वह बासगीत परचा के लिए सातवीं बार जनता दरबार आ चुकी है. बड़े साहब का आदेश भी हो जाता है, लेकिन नीचे वाले अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. बासगीत परचा देने के बदले टहलाया जा रहा है. मंहगु ने कहा कि जनता दरबार में आने व खाने-पीने में उसे हर बार दो सौ रुपये खर्च होते हैं.
वह रिक्शा चलाकर किसी तरह परिवार चलाता है. कुछ इसी तरह की शिकायत रेखा देवी की भी थी. उसे इंदिरा आवास बनाने के लिए 25 हजार मिल गये हैं, लेकिन जमीन के कारण मामला अटका हुआ है. रेखा देवी लोगों को कागज दिखा कर न्याय की गुहार लगा रही थी. इधर जनता दरबार के बाहर तैनात कर्मचारी उसे समझा बुझा रहे थे. लेकिन दोनों महिलाएं डीएम के सामने अपनी दुखड़ा सुनाने के लिए अड़ी हुई थीं. मामला संभलता नहीं देख इनका आवेदन जनता दरबार में भेजा गया.
तीन अधिकारियों के वेतन पर रोक
जन शिकायत के निष्पादन में कोताही बरतने व समय पर रिपोर्ट नहीं देने पर डीएम धर्मेद्र सिंह ने तीन अधिकारियों के वेतन पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. इनमें सीओ बोचहां, मुशहरी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना शामिल हैं. मुशहरी सीओ के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया गया है. जनता दरबार में 101 नये व 107 पुराने मामले की सुनवाई हुई. डीएम ने अधिकारियों को जनता दरबार में आये मामले के शीघ्र निष्पादन कर रिपोर्ट देने को कहा.